नई दिल्ली।गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह ने केरल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार को जीएसटी व्यवस्था के तहत एक प्रतिशत ‘आपदा उपकर’ लगाने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर रविवार को अपनी सहमति प्रदान की। बाढ़ से तबाह इस राज्य को यह सेस दो साल के लिए लगाने की छूट दी जाएगी।
मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने समूह की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि केरल में किन वस्तुओं और सेवाओं पर 1 फीसदी सेस लगेगा, इसका फैसला राज्य सरकार ही करेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य राज्य सरकार आपदा उपकर लगाना चाहती है तो उसे जीएसटी काउंसिल की मंजूरी लेनी होगी। यह फैसला केरल सरकार के अनुरोध पर किया गया है।
गौरतलब है कि जीएसटी कानून के तहत किसी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना के समय अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए कुछ समय के लिए विशेष टैक्स लगाने का प्रावधान है। जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के एक अन्य समूह की भी रविवार को राजधानी में बैठक हुई।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में इस समूह ने सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) को जीएसटी के तहत राहत देने के लिए कारोबार की मौजूदा न्यूनतम सीमा को 20 लाख रुपये सालाना से ऊपर करने पर चर्चा की।
सुशील ने कहा कि इस समूह में इस बात पर एक राय थी कि जो एमएसएमई माल की आपूर्ति करती हैं, उनके लिए कारोबार की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए, लेकिन सभी राज्यों की इस मुद्दे पर अभी एक राय नहीं बन पाई है, इसलिए इसे जीएसटी काउंसिल पर छोड़ दिया गया है।
दिल्ली ने कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये तक करने का सुझाव दिया तो बिहार के मुताबिक इसे 50 लाख किया जाना चाहिए। एक अन्य सुझाव था कि एकमुश्त कर योजना के तहत सालाना 50-60 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाली एमएसएमई पर पांच हजार रुपये और 60-75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वालों पर 10,000-15,000 रुपये तक की जीएसटी लगाई जाई चाहिए।
सुशील ने कहा, ‘जीएसटी लागू किए जाने से पहले उत्पाद शुल्क व्यवस्था में डेढ़ करोड़ रुपये वार्षिक तक के कारोबार करने वालों को कर के दायरे से बाहर रखा जाता था। इसलिए मंत्रियों के समूह को यह लगा कि जीएसटी के तहत एमएसएमई को कुछ राहत जरूर मिलनी चाहिए।’ जीएसटी परिषद की अगली बैठक 10 जनवरी को होनी है, जिसमें इन दोनों समूहों की सिफारिशों पर चर्चा होगी।