नई दिल्ली। इंटरनेशनल मार्केट में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गई , जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक भाव है। वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है। सोमवार के कारोबार में नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 70.46 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया है।
इन वजहों से बढ़ा क्रूड ऑयल
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि ईरान और अमेरिका के बीच खींचतान बढ़ने की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 2015 की ईरान परमाणु समझौते को खत्म करने की अपेक्षाओं के कारण क्रूड की कीमतें आंशिक रूप से चढ़ रही हैं।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका फिर से ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है, अगर ऐसा हुआ तो ईरान को क्रूड ऑयल एक्सपोर्ट करने में दिक्कतें होंगी जिससे इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की सप्लाई पर असर पड़ेगा और दाम बढ़ सकते हैं।
जारी रहेगी प्रोडक्शन में कटौती
इसके अलावा, क्रूड उत्पादक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्पोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) और रूस द्वारा आगे भी प्रोडक्शन में कटौती जारी रखने का फैसले से क्रूड को सपोर्ट मिला है।
वेनेजुएला में इकोनॉमिक क्राइसिस का असर
क्रूड के बड़े प्रोड्यूशर में से एक वेनेजुएला में इकोनॉमिक क्राइसिस की वजह से क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन में गिरावट आई है। जिससे ऑयल सप्लाई प्रभावित हुआ है।
इस साल 16 फीसदी बढ़ी क्रूड की कीमतें
इस साल अमेरिकी क्रूड कीमतों में 16 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है।
क्रूड से ऐसे प्रभावित होगी GDP
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि क्रूड ऑयल की कीमतें फाइनेंशियल ईयर 2019 में 12 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। अगर ऐसा होता है कि देश की इकोनॉमी पर इसका असर दिखेगा। सर्वे के अनुसार कच्चे तेल में हर 10 डॉलर की बढ़ोत्तरी से जीडीपी 0.3 फीसदी तक गिर सकती है, वहीं महंगाई दर भी 1.7 फीसदी ऊंची हो सकती है।
महंगाई बढ़ने का डर
मार्च में रिटेल महंगाई दर कम होकर 5 महीने के निचले स्तर 4.28 फीसदी आ गई थी, लेकिन जानकार इसे स्टेबल नहीं मान रहे हैं। आरबीआई खुद यह अनुमान लगा चुका है कि फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के पहले 6 महीनों में महंगाई दर 5 फीसदी से ऊपर निकल सकती है। पेट्रोल-डीजल भी रिकॉर्ड लेवल की ओर हैं। ऐसे में महंगाई आगे और बढ़ सकती है।