कोटा। श्री मज्जिनेन्द्र 1008 अरिष्ट नेमिनाथ भगवान का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव रिद्धि सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में 9 से 14 नवंबर तक होगा। इस महोत्सव में 6 राज्यों की 39 मंदिर के 250 से अधिक जिनबिंब की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम पाटनी एवं मंत्री पारस बज आदित्य ने बताया कि आदित्य सागर ससंघ के मार्गदर्शन में विधिवत पूजन-अर्चन होगा। इस महोत्सव के अंतर्गत गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष कल्याणक, विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतिष्ठा विधान संपन्न होंगे।
मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा एवं मंत्री पंकज खटोड ने बताया कि पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पार्श्वनाथ निलय मे सवा पांच फ़ीट के पाषाण के पार्श्वनाथ भगवान व रिद्धि सिद्धि नगर में हाड़ौती की सबसे बड़ी स्फटिक मणि की पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति बन कर आ चुकी है।
पंचकल्याण महोत्सव में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। शेष मूर्तियां भी कार्यक्रम स्थल रजत सिटी के सामने, महाराणा प्रताप सर्किल, कुन्हाड़ी, कोटा में विधिवत समयानुसार पहुंचेंगी।
मंदिर अध्यक्ष गोधा ने बताया कि गुरूवार को मुनि शास्वत सागर महाराज को रिद्धि सिद्धि नगर मे होने वाले पंचकल्यानक में सानिध्य हेतु श्री फल भेंट किया। पारस बज ने बताया कि कार्यक्रम स्थल रजत सिटी के सामने, महाराणा प्रताप सर्किल, कुन्हाड़ी में डोम 300 गुना 90 फीट एवं भोजन शाला 250 गुना 80 फीट की तैयार की गई है। यहां प्रतिदिन 15 हजार लोगो की उपस्थिति रहेगी।
दीक्षांत जयंति एवं पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम आज
कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा व ताराचंद बड़ला ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत 8 नवंबर को दीक्षा जयंती समारोह से होगी। इसके उपरान्त पिच्छी परिवर्तन आयोजित किया जाएगा। 9 नवंबर को गर्भ कल्याणक के साथ मुख्य कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा, जिसमें जिन आज्ञा, घटयात्रा, ध्वजारोहण और शौर्यपुर नगरी का उद्घाटन शामिल है।
- 10 नवंबर को माता की गोद भराई समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे।
11 नवंबर को जन्म कल्याणक के अवसर पर भगवान का जन्माभिषेक 1008 कलशों से किया जाएगा। इसके बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। - 12 नवंबर को तप कल्याणक में नेमिकुमार की बारात, राज्याभिषेक और दीक्षा विधि संस्कार संपन्न होंगे।
13 नवंबर को ज्ञान कल्याणक के अंतर्गत केवलज्ञान की प्राप्ति, समवशरण रचना और दिव्यध्वनि का कार्यक्रम होगा। - महोत्सव का समापन 14 नवंबर को मोक्ष कल्याणक के साथ होगा, जिसमें विश्वशांति महायज्ञ और भव्य शोभायात्रा के बाद प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होगा।
- 15 नवंबर को महामस्तकभिषेक होगा।
गोद भराई का कार्यक्रम
गुरू सेवा संघ द्वारा रिद्धि सिद्धि नगर में पंचकल्याणक महोत्सव पुण्यर्जाक इन्द्र— इंद्राणी बने जिनकी बिनौली निकाल कर गोद भराई गई और विनतिया रात्रि 9 बजे आयोजित की गई। संघ के अध्यक्ष राजकुमार पाटनी व मंत्री रिषभ बाकलीवाल ने बताया कि हर्षोउल्लास से उपनगर रिद्धि-सिद्धि में बिनोली निकाली गई। पार्श्वनाथ निलय मंदिर समिति,पार्श्वनाथ एसोसिएट परिवार,सौधर्म इंद्र व इंद्राणी बनने का सौभाग्य सहित मुख्य 50 मुख्य इंद्र-इन्द्राणी, 16 अष्ठकुमारियां, 25 ढ़ोल सदस्य, कर्नाटक का चिंदे बैण्ड शामिल रहा। पारस लुहाडिया ने बताया कि इस अवसर पर जिनेन्द्र जज साहब, सकल जैन समाज के संरक्षक राजमल पाटौदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता,कार्याध्यक्ष जे के जैन, मंत्री विनोद टोरडी, मनोज जैसवाल, निर्मल अजमेरा, ताराचंद बडला, पारस कासलीवाल, पारस लुहाड़िया, दीपक नान्ता, पीयूष बज, दीपांशु जैन, राजकुमार बाकलीवाल, जम्बू बज, महेंद्र गोधा, पदम बाकलीवाल, अशोक पापड़ीवाल सहित कई शहरों के श्रावक उपस्थित रहे।