कोच्चि। Black Pepper Price: केरल और कर्नाटक में यद्यपि कालीमिर्च के नए माल की तुड़ाई-तैयारी जारी है लेकिन लम्बे समय तक वहां अच्छी बारिश नहीं होने से फसल का अपेक्षित विकास नहीं हो सका जिससे इसके उत्पादन में कमी आने की संभावना है।
उधर वियतनाम में भी नए माल की आवक हो रही है मगर कमजोर उत्पादन के कारण भाव तेज हो गया है। इसके फलस्वरूप भारत में इसका आयात कुछ महंगा बैठ रहा है। घरेलू बाजार पर इसका सकारात्मक असर देखा जा रहा है। वैसे श्रीलंका से आयातित कालीमिर्च ने भारतीय बाजार में तेजी पर कुछ हद तक अंकुश लगा रखा है। उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि आगामी समय में कालीमिर्च की कीमत में थोड़ी-बहुत तेजी आ सकती है।
पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कालीमिर्च के घरेलू उत्पादन में 15-20 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इस वर्ष उत्पादन 58-60 हजार टन पर सिमटने का अनुमान है जो घरेलू मांग एवं खपत के लगभग बराबर है।
देश से कालीमिर्च का निर्यात भी होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आयात में कमी आई या इसका भाव ‘बेपड़ता’ रहा तो कालीमिर्च के दाम में आपूर्ति के ऑफ सीजन या खपत सीजन के दौरान अच्छी तेजी आ सकती है। भले ही वह कुछ दिनों के लिए हो।
सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- वियतनाम में मौसम प्रतिकूल होने से कालीमिर्च की फसल बुरी तरह प्रभावित होने की खबर आ रही है और वहां उत्पादन 25-30 प्रतिशत तक घटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
वियतनाम में फरवरी से ही नई कालीमिर्च की आवक शुरू हो गई थी। बेशक वियतनाम में कालीमिर्च का भाव तेज हो रहा है मगर फिर भी वह भारतीय उत्पाद से सस्ता है और इसलिए भारत में इसका आयात हो रहा है। आयातकों का मार्जिन कम हो गया है। श्रीलंकाई कालीमिर्च भी आ रही है।
लेकिन आयातित कालीमिर्च का दाम धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। श्रीलंकाई माल का भाव तीन-चार सप्ताह पहले 610-615 रुपए प्रति किलो था जो अब 670/675 रुपए प्रति किलो बताया जा रहा है। भारतीय कालीमिर्च का दाम कोच्चि के टर्मिनल मार्केट में सुधरकर 695-700 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।