कोटा में कोचिंग छात्रों के कम आने से होस्टल मालिक और लीज होल्डर में छिड़ी जंग

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कई लीज हॉस्टल संचालकों के लाखों रुपए डूबे, प्रति स्टूडेंट के अनुसार लिया जाए किराया

कोटा। शहर में इस बार कोचिंग स्टूडेंटों के लिए नई परेशानी आई है। हॉस्टल में बच्चे पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से अब हॉस्टल संचालक हाथ खींच रहे हैं। उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। हॉस्टल में बच्चों के नहीं आने से जहां लीज होल्डर हॉस्टल छोडने को मजबूर हो रहे हैं। दूसरी और हॉस्टल मालिक पैसा भी छोडने को तैयार नहीं है।

अब हॉस्टल लीज होल्डर ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। कोटा में पूर्व के वर्षों की अपेक्षा इस बार कोचिंग स्टूडेंटों की संख्या कम है। ऐसे में लीज होल्डर व अन्य लोगों को परेशानी आ रही है। हॉस्टल मालिक व लीज होल्डर के मध्य किराए को लेकर समझौता कराए जाने ओर प्रति स्टूडेंट किराया लिए जाने की मांग को लेकर न्यू कोटा हॉस्टल ऐसोसिएशन सोसायटी ने जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी को ज्ञापन सौंपा।

इसलिए कोटा में आ रही समस्या
सोसायटी के अध्यक्ष भगवान माहेश्वरी एवं महासचिव राजीव कुमार राजू भैया ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से जिला कलक्टर को बताया कि लीज पर मोटी रकम देकर हॉस्टल तो ले लिए, लेकिन इस बार बच्चों की संख्या कम होने से हॉस्टल खाली पडे हैं। इस बार 25 से 30 प्रतिशत तक ही बच्चे हॉस्टल में रह रहे हैं। ऐसे में लीज होल्डर को परेशानी आ रही है कि उनका पूरा हॉस्टल नहीं भरा जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। राजीव कुमार ने बताया कि लीज होल्डर व हॉस्टल मालिक के मध्य समझौता कराए जाने की मांग जिला प्रशासन से की है। ताकि हॉस्टल संचालक बच्चों के अनुसार ही लीज होल्डर से पैसे ले सकें। उन्होंने कहा कि कोटा कोचिंग संचालकों ने कोटा के बाहर भी कोचिंग क्लासेज शुरू कर दी जिससे यहां बच्चे कम हो गए हैं। यहां बच्चों की संख्या निरंतर बढती रहे, इसके लिए भी प्रशासन को पहल करनी चाहिए।

25 से 30 प्रतिशत ही हॉस्टल भर पा रहे हैं
राजीव कुमार ने बताया कि हर वर्ष बच्चे अधिक आते थे, जिस कारण हॉस्टल भर जाते थे। इस बार बच्चे कम आने से हॉस्टल खाली पड़े हैं। कहीं 25 तो कहीं 30 प्रतिशत तक ही बच्चे रुके हुए हैं। ऐसे में जब लीज होल्डर को नुकसान होगा तो वह यहां से पलायन कर जाएंगे। बच्चों को अन्य जगह शिफ्ट करना पडेगा। इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कोटा में एक और समस्या गहरा जाएगी जो लीज होल्डर के साथ प्रशासन के लिए भी मुसीबत बन जाएगी। अधिकांश लीज होल्डर हॉस्टल छोडने को तैयार बैठे हैं। यदि ऐसा होता है तो कोटा में अफरा तफरी का माहौल होगा। अर्थ व्यवस्था बिगडने की संभावना बनी रहेगी। उनके साथ हजारों की संख्या में दूसरे व्यवसाय से जुड़े लोग भी परेशान हो रहे हैं।

500 लीज होल्डर के सामने समस्या
कोषाध्यक्ष मनमोहन ने बताया कि वर्तमान में 500 होस्टल चलाने वाले परेशान हो रहे हैं। यह संख्या आगे और भी बढ़ सकती है। ज्ञापन देने वालों में न्यू कोटा हॉस्टल ऐसोसिएशन सोसायटी के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य जगदीश चौधरी, मनमोहन सिंह, संजय भैया, जुनेद त्यागी, विकास राठी, कुलदीप सिंह खींची, नितेश जैन, दिनेश गोस्वामी, महावीर नागर, दीपक जांगिड, बाबू सिंह, सुखदेव सिंह, जुनेद भाई, अभिषेक त्यागी, मनीष खींची सहित सैकडों की संख्या में होस्टल लीज होल्डर शमिल थे।