शरीर की साधना के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण करना सीखें: पंडित मेहता

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कोटा। प्रसिद्ध गीता मर्मज्ञ पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा है कि परिवार का मन आत्मा है। आत्मा की हमेशा परवाह करनी चाहिए, केवल शरीर पर ही टिके रहेंगे तो अशांति ही मिलेगी। हर व्यक्ति को 24 घंटे में दो बार अपनी आत्मा से संवाद करना चाहिए।

पंडित विजय शंकर मेहता शनिवार को गीता भवन में भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित परिवार प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। आत्मा की गीता पर आयोजित विषय पर धारा प्रभाव व्याख्यान देते हुए उन्होंने बताया कि एक छत के नीचे चार-चार पीढ़ियां निवास करती हैं और परिवार में टूटन बढ़ रही है। क्रोध के कारण घरों में कलह बढ़ती जाती हैं।

परिवार में तनाव प्रबंधन पर उन्होंने गीता व हनुमान चालीसा से सीख लेने की अपील की। उन्होंने महाभारत में श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवादों और श्लोकों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि भीष्म ने जब जरूरत थी, तब किसी प्रकार का क्रोध नहीं किया तो उन्हें सरसैया मिली और जटायु ने रावण पर क्रोध किया तो उन्हें भगवान की बाहू शैय्या मिली। वक्त को समझना समझदारी है और वक्त पर समझना जिम्मेदारी है।

गीता का यही संदेश हमें जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि भारत के घरों में काफी हद तक अशांति पाई जाती है। आत्मा तक जीने की कला को जाने तो शांति पा सकते हैं। इसके अभाव में आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन संकट में हो जाएगा। पंडित मेहता ने महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण के हथियार नहीं उठाने की प्रतिज्ञा एवं जरूरत पड़ने पर हथियार उठाना आदि का बहुत ही गर्वित वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि शरीर की साधना के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण करना सीखें। भगवान श्री कृष्ण ने चार घोड़े की कमान हाथ में लेकर महाभारत युद्ध पर नियंत्रण किया। उन्होंने अपने सारगर्भित शब्दों में कहा कि धर्म पर आंच आने पर लड़ना ही तीर्थ है। प्रारंभ में भारत विकास परिषद के दक्षिण पूर्व अध्यक्ष किशन पाठक ने स्वागत संबोधन किया।

इस अवसर पर भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्याम शर्मा, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अभय व्यास, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजयानन्द, विभाग कार्यवाह शिक्षा विद पन्नालाल, जिला कलेक्टर डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अमृता दुहन, कोटा विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार ममता तिवारी, एलन इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविंद माहेश्वरी, भाविप के राजकुमार गुप्ता, गीता सत्संग आश्रम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल, महामंत्री रामेश्वर विजय, उपाध्यक्ष कुंती मूंदड़ा, जय नारायण खंडेलवाल समेत अनेक गणमान्य नागरिकों ने पंडित मेहता का अभिनंदन किया।