नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब बासमती चावल के निर्यात पर सर्शत प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सरकार ने यह कदम आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और इनकी खुदरा कीमतें काबू में रखने के इरादे से उठाया था। इसके पहले पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात भी रोक दिया गया था।
इस नए फैसले से 1200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर अनुबंधित सभी बासमती चावल के निर्यात को अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि इससे पाकिस्तान को भारत पर बढ़त मिल जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 4.8 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया था। मात्रा में यह निर्यात 45.6 लाख टन था।
गैर-बासमती चावल की हिस्सेदारी कितनी
खाद्य मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है। इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें नीचे लाने में मदद मिलेगी। गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इस अनाज की कीमतें बढ़ने के बाद उठाया गया था। अप्रैल-जून तिमाही में गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात 15.54 लाख टन हो गया जबकि साल भर पहले की समान तिमाही में यह 11.55 लाख टन रहा था। खरीफ फसल वर्ष 2022-23 में देश का कुल चावल उत्पादन बढ़कर 13.55 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है जबकि इसके एक साल पहले यह 12.94 करोड़ टन रहा था।