बयाना-भरतपुर खंड में विविध आयामों में किया गया परीक्षण
कोटा। Kavach Methodology Trial: पश्चिम मध्य रेलवे में पहली बार कोटा मंडल के बयाना-भरतपुर खण्ड में मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी ने शुक्रवार को विभिन्न आयामों में कवच की कार्यप्रणाली की विधिवत जाँच हेतु परीक्षण किया गया, जोकि पूर्णतः सफल रहा। कवच विकसित भारत की रेल सेवा में आधुनिक नई तकनीक है।
कवच की कार्यप्रणाली के इस परीक्षण में पिंगोरा स्टेशन के होम सिग्नल को खतरे की स्थिति यानी लाल सिग्नल कर सिग्नल पासिंग एट डेंजर को रोकने का सफल परीक्षण, खण्ड में ओवरस्पीड पर नियंत्रण हेतु कवच की कार्यशीलता परीक्षण, लूप लाइन पर गति नियंत्रण, समपार फाटक पर आटोमेटिक लोको द्वारा सीटी बजने की सुनिश्चित, स्थाई गति प्रतिबंधों की अनुपालना जांच एवं लोको के भीतर डिस्प्ले पर सटीक सिग्नलों का दर्शाने का परीक्षण किया गया।
कवच रेल संचालन प्रणाली में विश्वसनीय सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है। इसे लागू होने के बाद ट्रेन चालको के द्वारा मानवीय भूल से सिग्नल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी।
इस तकनीकी से लोको पायलट को इंजन के अंदर ही 4 से 5 किमी तक के सिग्नल की स्थिति दिख जाती है। इस परीक्षण के दौरान डीआरएम सहित जीएसयू यूनिट के सचिन शुक्ला, वरिष्ठ मंडल दूर संचार एवं संकेत इंजीनियर आरआर मीना और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।