भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी का शुभारंभ
भोपाल /कोटा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को मध्य प्रदेश में भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से भोपाल और नई दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद रानी कमलापति-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी का निरीक्षण किया और ट्रेन के चालक दल तथा वहां पर उपस्थित बच्चों के साथ बातचीत भी की।
प्रधानमंत्री ने इंदौर के एक मंदिर में रामनवमी कार्यक्रम के दौरान हुई त्रासदी पर दुःख जताते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और इस दुर्घटना के दौरान घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के निवासियों को उनकी पहली वंदे भारत रेलगाड़ी मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह रेलगाड़ी दिल्ली से भोपाल के बीच यात्रा में लगने वाले समय को कम करेगी और व्यवसायियों तथा युवाओं के लिए कई सुविधाएं एवं सहूलियतें प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को दोहराया कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली समझते हैं क्योंकि उन्होंने ही आज के आयोजन स्थल अर्थात रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन किया था। श्री मोदी ने नई दिल्ली के लिए भारत की अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाने का अवसर प्राप्त होने पर भी आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय रेलवे के इतिहास में दुर्लभतम उदाहरणों में से एक है, क्योंकि किसी प्रधानमंत्री ने बहुत ही कम समय में एक ही रेलवे स्टेशन का दो बार दौरा किया है। श्री मोदी ने कहा कि आज का अवसर आधुनिक भारत के लिए एक नई व्यवस्था और नई परंपराओं के निर्माण का एक प्रमुख उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ हुई अपनी बातचीत का उल्लेख किया और बच्चों के बीच इस रेलगाड़ी के बारे में उत्सुकता एवं उत्साह की भावना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वंदे भारत रेलगाड़ी भारत के जोश और उत्साह का प्रतीक है। श्री मोदी ने कहा कि यह ट्रेन हमारे कौशल, आत्मविश्वास एवं क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में पर्यटन के लिए वंदे भारत रेलगाड़ी चलने के लाभों पर भी प्रकाश डाला क्योंकि इसके संचालन से सांची, भीमबेटका, भोजपुर और उदयगिरि गुफाओं में पर्यटन के लिए अधिक यात्री आने लगेंगे। इससे रोजगार, आय व स्वरोजगार के अवसरों में भी सुधार होगा।
प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी में भारत की नई सोच और दृष्टिकोण पर जोर देते हुए नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने की कीमत पर पिछली सरकारों द्वारा किए गए तुष्टिकरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वे वोट बैंक के पुष्टिकरण में जुटे हुए थे। हम देशवासियों के संतुष्टिकरण में समर्पित हैं।
प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे को सामान्य पारिवारिक परिवहन का साधन बताया और उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अपने हितों को पूरा करने के लिए इसे पहले उन्नत तथा आधुनिक नहीं बनाया गया।
प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि अतीत की सरकारें पहले से मौजूद रेल नेटवर्क का बड़ी आसानी से आधुनिकीकरण कर सकती थीं, जिसे भारत ने अपनी स्वतंत्रता के बाद हासिल किया था लेकिन निहित राजनीतिक स्वार्थों के चलते रेलवे के विकास की बलि चढ़ा दी गई। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के दशकों बाद भी पूर्वोत्तर राज्य रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए थे।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने भारतीय रेलवे को दुनिया में सबसे अच्छा रेल नेटवर्क बनाने का प्रयास किया है। वर्ष 2014 से पहले भारतीय रेलवे पर होने वाली नकारात्मक टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के व्यापक रेल नेटवर्क में हजारों मानव रहित फाटकों के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं के मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क आज मानव रहित गेट से मुक्त हो चुका है।
मेड इन इंडिया ‘कवच’: श्री मोदी ने यह भी कहा कि पहले के समय में ट्रेन दुर्घटनाओं से संबंधित जान-माल के नुकसान की खबरें आना आम बात थी, लेकिन आज के समय में भारतीय रेलवे पहले की अपेक्षा बहुत अधिक सुरक्षित हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा को और बढ़ावा देने के लिए मेड इन इंडिया ‘कवच’ के दायरे का विस्तार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा का दृष्टिकोण केवल दुर्घटनाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भी है कि यात्रा के दौरान जब किसी भी आपात स्थिति में मदद पहुंचेगी तो महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा। साफ-सफाई, समयबद्धता और टिकटों की कालाबाजारी सभी को प्रौद्योगिकी और यात्रियों के प्रति चिंता से ठीक किया गया है।
वन स्टेशन वन प्रोडक्ट: श्री मोदी ने कहा कि ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ पहल के माध्यम से स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए रेलवे एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभर रहा है। योजना के तहत यात्री स्टेशन पर ही जिले के स्थानीय उत्पाद जैसे हस्तशिल्प, कला, बर्तन, कपड़ा, पेंटिंग आदि खरीद सकते हैं। देश में लगभग 600 आउटलेट पहले से ही चालू हैं और कम समय में इनसे एक लाख से ज्यादा यात्री खरीदारी कर चुके हैं।
सुविधा का पर्याय: प्रधानमंत्री ने कहा कि “आज भारतीय रेल देश के आम परिवारों के लिए सुविधा का पर्याय बन रही है।” उन्होंने इस संबंध में रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण, 6000 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा और 900 स्टेशनों पर सीसीटीवी जैसे कदमों को गिनाया। उन्होंने युवाओं में वंदे भारत की लोकप्रियता और देश के कोने-कोने से वंदे भारत की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला।
रेलवे के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटन: प्रधानमंत्री ने इस साल के बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड आवंटन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब इच्छा होती है, इरादे स्पष्ट होते हैं और संकल्प दृढ़ होता है तो नए रास्ते निकलते हैं।” श्री मोदी ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में रेल बजट में लगातार वृद्धि की गई है और मध्य प्रदेश को 2014 से पहले के वर्षों के औसत 600 करोड़ रुपये की तुलना में रेल संबंधी बजट में 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
शत-प्रतिशत विद्युतीकरण: रेलवे के आधुनिकीकरण का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश के कुछ हिस्सों में हर दूसरे दिन 100 प्रतिशत रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करने वाले 11 राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद प्रति वर्ष रेलवे मार्गों का औसत विद्युतीकरण 600 किलोमीटर से दस गुना बढ़कर 6000 किलोमीटर हो गया है।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे।