नई दिल्ली। विश्व के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को देश में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की। मांडविया ने लोगों से कहा कि वे कोविड अनुकूल व्यवहार करते हुए मास्क लगाएं और टीकाकरण कराएं। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। आखिर कोरोना का वायरस ठंड में ही क्यों जाग जाता है। चीन में तबाही मचाने वाला यह वायरस क्या है और इसके लक्षण क्या हैं।
क्या है कोरोना का बीएफ.7 वेरिएंट
कोरोना का वायरस म्यूटेट होकर अपना वेरिएंट और सब-वेरिएंट बना रहा है। जैसे- SARS-CoV-2 मेन वायरस है। वहीं, इसके कई अलग-अलग वेरिएंट और सब-वेरिएंट सामने आए। BF.7 भी BA.5.2.1.7 के बराबर है। यह ओमीक्रोन का ही सब वेरिएंट हैं। इस महीने की शुरू में सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित स्टडी में कहा गया था किBF.7 सब-वेरिएंट में ओरिजिनल D614G वेरिएंट की तुलना में 4.4 गुना ज्यादा न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस है।
ठंड में ही क्यों जाग जाता है वायरस
ठंड में ही कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले क्यों बढ़ जाते हैं। इस बारे में एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सर्दियों में वायरल इंफेक्शन बढ़ जाता है। ऐसे में हायर रिस्क वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डॉ. गुलेरिया ने लोगों को बूस्टर डोज लगवाने को कहा। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में बाहर से आए लोगों की टेस्टिंग कम हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सर्दी और जुकाम है तो जांच जरूर कराएं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि चीन के मुकाबले हमारी स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा केसों की जीनोम सिक्वेंसिंग के साथ ही कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना जरूरी है।
बीएफ.7 वेरिएंट के क्या हैं लक्षण
रिपोर्ट के अनुसार बीएफ.7 सबसे अधिक ऊपरी श्वास नली को प्रभावित करता है। कोरोना के बीएफ.7 वेरिएंट से जुड़े संक्रमण के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना शामिल है। इसके अलावा थकान, उल्टी और दस्त के लक्षण दिख सकते हैं। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को यह वायरस गंभीर रूप से बीमार कर सकता है।
सबसे तेजी से फैलता है इसका संक्रमण
BF.7 सब-वेरिएंट अपने क्लास में अब तक सामने आए अन्य वेरिएंट की तुलना में सबसे अधिक संक्रामक है। एक्सपर्ट का कहना है कियह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का इन्यक्यूबेशन पीरियड काफी कम है। यह वायरस लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकता है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह वायरस वैक्सीन ले चुके लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है।