नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPF अकाउंट को आधार से लिंक करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। इससे पहले इसकी आखिरी तारीख 31 अगस्त थी। EPFO ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है।
अगर आपने 31 दिसंबर तक EPFO और आधार नंबर को लिंक नहीं किया तो आपके खाते में कंपनी की ओर से आने वाला कॉन्ट्रिब्यूशन रोक दिया जाएगा। इसके अलावा इससे आपको EPF अकाउंट से पैसा निकालने में भी परेशानी हो सकती है। अगर EPF अकाउंट होल्डर का अकाउंट आधार से लिंक्ड नहीं है, तो वे EPFO की सर्विसेस का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
ये है इसकी प्रोसेस
- सबसे पहले आप EPFO पोर्टल epfindia.gov.in पर जाएं।
- UAN और पासवर्ड का इस्तेमाल करके अपने अकाउंट में लॉग-इन करें।
- “Manage” सेक्शन में KYC ऑप्शन पर क्लिक करें।
- जो पेज खुलता है वहां आप अपने EPF अकाउंट के साथ जोड़ने के लिए कई डॉक्युमेंट्स देख सकते हैं।
- आधार विकल्प का चयन करें और अपना आधार नंबर और आधार कार्ड पर दर्ज अपने नाम को टाइप कर सेव पर क्लिक करें।
- आपके द्वारा दी गई जानकारी सुरक्षित हो जाएगी, आपका आधार UIDAI के डेटा से वैरिफाई किया जाएगा।
- आपके KYC दस्तावेज सही होने पर आपका आधार आपके EPF खाते से लिंक हो जाएगा और आपको अपने आधार जानकारी के सामने “Verify” लिखा मिलेगा।
EPF अकाउंट में कर्मचारी और एम्प्लॉयर दोनों डालते हैं पैसा
EPFO एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 12% EPF अकाउंट में जाता है। तो वहीं, एम्प्लॉयर (कंपनी) भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12% कॉन्ट्रिब्यूट करती है। कंपनी के 12% कॉन्ट्रिब्यूशन में से 3.67% कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जाता है और बाकी 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है। EPF अकाउंट पर सालाना 8.50% ब्याज मिल रहा है।
क्या होता है नंबर?
भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत होने के साथ ही कर्मचारी इस संगठन का सदस्य बन जाता है और इसके साथ ही उसे 12 अंकों का UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) भी जारी कर दिया जाता है। इस नंबर की मदद से EPFO की सुविधाओं का ऑनलाइन इस्तेमाल किया जा सकता है। UAN नंबर की मदद से एक कर्मचारी अपने PF अकाउंट की पासबुक ऑनलाइन तो देख ही सकता है, साथ ही वो अपना PF (प्रोविडेंड फंड) बैलेंस भी ऑनलाइन चेक कर सकता है।