Saturday, May 4, 2024
Home Blog Page 4531

4 साल में बनेगी रिफाइनरी, सबसे बड़ा 43 हजार करोड़ रु. का निवेश

एमओयू के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सीएम राजे।

जयपुर । प्रदेश में चार साल के भीतर देश की सबसे अत्याधुनिक और बीएस-6 मानक की पहली रिफाइनरी बनकर तैयार हो जाएगी। बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए अगले चार साल में 43,129 करोड़ रु. का निवेश होगा, यह प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है। इसके अलावा यह एचपीसीएल का भी अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।

रिफाइनरी के लिए मंगलवार को राज्य सरकार और एचपीसीएल के बीच मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूदगी में करार हुआ। सीएम ने इसका शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया है। मानसून के बाद भूमि पूजन हो सकता है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर राज्य के लोगों के सपने को साकार करने का काम किया है। रिफाइनरी शुरू होने के बाद पश्चिमी राजस्थान में एक नए सुबह की शुरुआत होगी।

केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि पर्यावरण सहित अन्य स्वीकृतियों दिलाने के लिए राज्य और केंद्र स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा। जिसे प्रत्येक 15 दिन के बाद राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय स्तर वे खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि केयर्न इंडिया को 2030 तक बाड़मेर में क्रूड आयल निकालने की अनुमति दे दी गई है। केयर्न इंडिया की ओर से अगले चार साल में 27000 करोड़ रु. का निवेश किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि इतना बड़ा निवेश आज तक राजस्थान के किसी भी क्षेत्र में नहीं हुआ होगा। इससे केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि सरकार को टैक्स के तौर पर बड़े पैमाने पर आय होगी।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे रिफाइनरी में स्थानीय युवाओं को ही अधिक से अधिक प्राथमिकता दी जाए और बाहर से लोगों को लाे की जरूरत पड़े। एमओयू पर हस्ताक्षर प्रमुख सचिव पेट्रोलियम अपर्णा अरोड़ा और एचपीसीएल के रिफाइनरी निदेशक विनोद ने किए। उधर, गेल की ओर से तैयार कोटा के सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को आरएसजीएल को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके लिए भी आरएसजीएल के एमडी रवि अग्रवाल और गेल के अफसरों के बीच एमओयू किया गया।

नए एमओयू से राज्य को 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा
कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में रिफाइनरी लगाने के लिए जो एमओयू किया था, उसके अनुसार राज्य सरकार को सालाना अगले 15 साल तक 3637 करोड़ रु. ब्याज मुक्त ऋण देना था। ऐसे में अगले 15 साल में 56 हजार करोड़ रु. देने पड़ते, लेकिन निगोशिएशन के बाद अब 1123 करोड़ में ही ब्याज मुक्त लोन देना पड़ेगा। इससे 40 हजार करोड़ रु. का सीधे तौर पर फायदा हो गया है। हालांकि एक प्रोसेसिंग यूनिट अलग से लगाए जाने के कारण रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल काम्पलेक्स की लागत 37320 करोड़ से 43129 करोड़ हो जाएगी। केेंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि आखिर किस आधार पर सालाना 3637 करोड़ रु. देने का एमओयू किया था। इससे राज्य को 40 हजार करोड़ रु. का नुकसान हो जाता। कीमत जनता को चुकानी पड़ती।

रिफाइनरी के वेस्ट मेटेरियल से 262 मेगावाट बिजली उत्पादन
रिफाइनरीसे निकलने वाले पेट काक वेस्ट मेटेरियल से 262 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस बिजली का उपयोग रिफाइनरी चलाने के लिए किया जाएगा। रिफाइनरी लगते ही राज्य सरकार को सालाना वैट से 700 करोड़ रु. की अतिरिक्त आय होने लगेगी। राजस्थान से निकलने वाले क्रूड आयल का सेल प्वाइंट गुजरात में बनाया गया था, जिससे वहां की सरकार को 700 करोड़ रु. वैट मिल रहा था। इससे अभी तक लगभग राज्य सरकार को 6000 करोड़ रु. का नुकसान हो चुका है। खास यह था कि रिलायंस को 12 फीसदी कम रेट पर क्रूड आयल उपलब्ध हो रहा है। 

  • नए एमओयू से फायदा
  • रिफाइनरी एवं पेट्रो केमिकल उत्पादों से नए उद्योग विकसित होंगे
  • रिफाइनरी लगने से बाड़मेर और आसपास के जिलों का कायाकल्प होगा
  • 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा रिफाइनरी निर्माण के दौरान
  • 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा रिफाइनरी बनने के बाद प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से
  • 07 सौ करोड़ की सालाना आय क्रूड ऑयल से वैट के तौर पर

 जियो के कस्टमर हैं तो एयर टिकट पर मिलेगा भारी डिस्काउंट

नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस जियो अपने ग्राहकों के लिए एक खास ऑफर लेकर आई है। अगर आप हवाई यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो आपको टिकट बुकिंग में भारी डिस्काउंट का फायदा मिलेगा। 

रिलायंस जियो के यूजर्स एयर एशिया के टिकटों पर 15 प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा। जियो के ग्राहक एयर एशिया के मोबाइल ऐप के जरिए यह छूट पा सकते हैं। इस ऑफर के तहत 20 जून 2017 से 30 सितंबर 2017 के बीच यात्रा करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक एयरएशिया इस ऑफर को 2-3 दिन में इसे लॉन्च कर सकता है।

कंपनी ने इस ऑफर की जानकारी ट्वीट कर दी थी, हालांकि बाद में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। विश्लेषकों के मुताबिक, इस स्कीम का लक्ष्य जियो की उस रणनीति को मजबूत करना है जिसके तहत कंपनी अपने ग्राहकों के साथ-साथ अपनी प्रतिद्वंद्वी टेलिकॉम कंपनियों के ज्यादा खर्चीले ग्राहकों को जोड़ने पर जोर लगा रही है। 

जियो के लगातार शानदार ऑफरों के चलते एयरटेल, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस कंम्यूनिकेशन जैसी टेलिकॉम कंपनियां का जनवरी-मार्च तिमाही में कमजोर प्रदर्शन रहेगा। लेकिन अब ट्रैवल, एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में जियो के डिस्काउंट ऑफर्स से टेलिकॉम इंडस्ट्री को जियो के कड़ी टक्कर मिलेगी।

नई स्विफ्ट डिजायर ‘टुअर’ की पहली तस्वीर कैमरे में कैद

नई मारूति स्विफ्ट डिजायर टुअर की झलक कैमरे में कैद हुई है। कंपनी ने इसे डीलरशिप पर पहुंचाना शुरू कर दिया है, cardekho.com के मुताबिक कुछ डीलरशिप ने तो 5000 रूपए में इसकी बुकिंग भी शुरू कर दी है। डिजायर टुअर का इस्तेमाल कैब/टैक्सी सेगमेंट में होता है, संभावना है कि इसे नई स्विफ्ट डिजायर के बाद लॉन्च किया जाएगा।

नई डिजायर टुअर मौजूदा डिजायर के बेस वेरिएंट एलईडीआई पर बनी है। तस्वीरों से पता चलता है कि इसका केबिन ब्लैक और बेज़ कलर में है, इस में पावर विंडो और मल्टी-इंर्फोमेशन डिस्प्ले दी गई है। इस में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, पार्किंग सेंसर और इंफोटेंमेंट सिस्टम नहीं दिया गया है। नई डिजायर टुअर में बॉडी कलर वाले बम्पर और ब्लैक प्लास्टिक ग्रिल दी गई है।

इस में मौजूदा स्विफ्ट डिजायर वाला 1.3 लीटर का डीडीआईएस डीज़ल इंजन मिलेगा, यह इंजन 75 पीएस की पावर और 190 एनएम का टॉर्क देता है। इंजन 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जुड़ा है। डिजायर टुअर में पेट्रोल इंजन का विकल्प नहीं मिलता है। बात करें नई स्विफ्ट डिजायर की तो इसे कई बार टेस्टिंग के दौरान देखा जा चुका है।

संभावना है कि नई स्विफ्ट डिजायर को इसी महीने के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। इसका अगला हिस्सा नई स्विफ्ट हैचबैक से मिलता-जुलता है। संभावना है कि इस में एलईडी डे-टाइम रनिंग लाइटों के साथ प्रोजेक्टर हैडलैंप्स और 7.0 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेंमेंट सिस्टम भी मिल सकता है।

बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देकर टैक्स लगा सकती है सरकार

नई दिल्ली। बिटकॉइन को सरकार कानूनी दर्जा दे सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसे कानून के दायरे में लाकर टैक्स लगाना चाहती है।रिजर्व बैंक इस वर्चुअल करेंसी में निवेश और लेनदेन पर विस्तृत दिशानिर्देश तैयार कर सकता है। इसे रिजर्व बैंक एक्ट, 1934 के दायरे में लाया जा सकता है।

वर्चुअल करेंसी में निवेश से होने वाली आय पर इनकम टैक्स लगाया जा सकता है।बिटकॉइन के जरिए विदेशों में रकम ट्रांसफर पर “फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट” यानी फेमा के नियम लागू किए जा सकते हैं। इसके अलावा वर्चुअल करेंसी के ट्रांसफर पर कैपिटल गेंस टैक्स लगाने पर भी विचार चल रहा है।

सूत्रों के मुताबिक बिटकॉइन में निवेश करने पर अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) की शर्तें तैयार की जाएंगी। वर्चुअल करेंसी के मसले पर बनाई गई समिति की बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। \

टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेस का मुनाफा 2.5 फीसदी घटा

मुंबई। वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में टीसीएस का मुनाफा 2.51 फीसदी घटकर 6,608 करोड़ रुपए रह गया। तीसरी तिमाही में कंपनी ने 6,778 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। वैसे वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 4.23 फीसदी बढ़ा है।जनवरी-मार्च तिमाही में टीसीएस की रुपए में होने वाली आय 0.3 फीसदी घटकर 29,642 करोड़ रुपए रह गई। लेकिन, इस दौरान कंपनी की डॉलर आय 1.5 फीसदी बढ़कर 445.2 करोड़ डॉलर हो गई।  तिमाही दर तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में टीसीएस का एबिट मार्जिन 26 से घटकर 25.76 फीसदी रह गया।

16 हजार करोड़ के बायबैक को शेयरधारकों की मंजूरी

\फरवरी में टीसीएस के बोर्ड ने 16 हजार करोड़ रुपए के बायबैक को मंजूरी दी थी। इसके तहत कंपनी 2.85 फीसदी यानी 5.61 करोड़ शेयर खरीदेगी। देश में इतना बड़ा शेयर बायबैक कभी नहीं हुआ है। इससे पहले 2012 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 10,400 करोड़ रुपए के अपने ही शेयर बाजार से खरीदे थे।क्यों होता है बायबैकशेयर बायबैक अमूमन प्रति शेयर कमाई में सुधार लाता है। इससे शेयरधारकों के वास्तविक रिटर्न में बढ़ोतरी होती है। बाजार में यदि सुस्ती जैसे हालात हों तो इससे शेयर की कीमत को सपोर्ट मिलता है। जब कंपनी मुनाफे का बड़ा हिस्सा नकद में रखती है तो शेयरधारकों की पूंजी पर वास्तविक रिटर्न घटता है।माना जाता है कि कंपनी के पास कैश के रूप में पड़ा पैसा भी शेयरधारकों का ही है। जब यह लौटाया जाता है तो रिटर्न बेहतर हो जाता है।

क्या है टीसीएस की स्थिति

आईटी कंपनियों पर लाभांश और बायबैक के जरिए अतिरिक्त नकदी शेयरधारकों को लौटाने का दबाव है।टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है।इसके पास 43,169 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी है। यह बाजार में कंपनी की वैल्यूका करीब 10 फीसदी है।कई कंपनियां कर रहीं बायबैक पिछले हफ्ते इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान लाभांश और बायबैक के जरिए 13 हजार करोड़ रुपए के बायबैक का एलान किया था।इस साल की शुरुआत में कंग्निजेंट ने भी 3.4 अरब डॉलर के शेयर बायबैक की घोषणा की थी। उधर एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने भी 3,500 करोड़ रुपए के 3.5 करोड़ शेयरों के बायबैक की मंजूरी दे चुकी है।

साइरस मिस्त्री को एक और झटका

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री को झटका दिया है। मिस्त्री परिवार की दो कंपनियों की ओर से दायर याचिका को ट्रिब्यूनल नेखारिज कर दिया है। इसमें उन्होंने पात्रता शर्त में छूट की मांग की थी।ट्रिब्यूनल ने ऐसा करने से मना कर दिया। दोनों फर्मों ने टाटा संस से मिस्त्री की बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी। साथ ही कुप्रबंधन और छोटे शेयरधारकों के उत्पीड़न का आरोप भी लगाया था।

डिजिटल वॉलेट से खरीद सकेंगे म्यूचुअल फंड

नई दिल्ली। निवेशकों के लिए 50,000 रुपये तक के म्यूचुअल फंड डिजिटल वॉलेट के जरिये खरीदने का रास्ता साफ हो सकता है। पूंजी बाजार बाजार नियामक सेबी इसके लिए अनुमति देने पर विचार कर रहा है। नियामक का मानना है कि इससे खासतौर पर युवाओं को इन उत्पादों को खरीदने में आसानी होगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के इस कदम से लेनदेन फटाफट और आसानी से हो सकेगा। इसके लिए पेमेंट गेटवे विफलता संबंधी गड़बड़ी को भी कम किया जाएगा, क्योंकि इसकी वजह से समय पर भुगतान नहीं हो पाता है। सेबी की ओर से लिक्विड म्यूचुअल फंड में त्वरित निकासी सुविधा के लिए नियमों को पेश किए जाने की भी संभावना है। इसके साथ ही संपत्ति प्रबंधन कंपनियों भी निवेशकों को डिजिटल लेनदेन के लिए भुगतान बैंकों के साथ गठबंधन कर सकतीं हैं।

सूत्रों के अनुसार सेबी का निदेशक बोर्ड इस संबंध में प्रस्तावों पर अगले हफ्ते विचार-विमर्श करेगा। ऐसी नई सुविधाओं से म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ेगा। परिवारों की बचत पूंजी बाजार में आएगी। इससे निवेशकों को परंपरागत बचत साधनों से हटकर कई नए क्षेत्रों में निवेश की सुविधा भी मिलेगी। प्रस्ताव के तहत किसी एक वित्त वर्ष में कोई निवेशक ई-वॉलेट के जरिये प्रति म्यूचुअल फंड 50,000 रुपये तक का निवेश ही कर सकेगा।

सेबी इस मामले में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) से प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट के साथ ई-वॉलेट से फंड स्कीमों की खरीद को भुगतान सुविधा देने के लिए समझौता करने को कह सकता है। एएमसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ई-वॉलेट जारी करने वाली फर्में म्यूचुअल फंडों में निवेश के लिए कैशबैक जैसे प्रोत्साहन सीधे या परोक्ष रूप से नहीं दें।

इसके अलावा कैश, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिये ई-वॉलेट में लोड की गई धनराशि का उपयोग केवल म्यूचुअल फंड के सब्सक्रिप्शन के लिए ही किया जा सकेगा। फिलहाल देश में 41 एएमसी हैं। इनके प्रबंधन के अधीन कुल 18.3 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। इनके पास पांच करोड़ म्यूचुअल फंड निवेशकों के खाते हैं।

कॉरपोरेट बांड के लिए फ्रेमवर्क
नियामक ने कॉरपोरेट बांड बाजार को व्यापक बनाने के लिए ऋण प्रतिभूतियों के कंसॉलिडेशन संबंधी फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बनाई है। हाल के वर्षों में कॉरपोरेट बांड जारी करने में आई तेजी को देखते हुए सेबी ने ऋण प्रतिभूति (डेट सिक्योरिटी) खंड में लिक्विडिटी बढ़ाने की ठानी है। इससे जुड़े प्रस्ताव पर बोर्ड की बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा नियामक ने निवेशकों की खातिर ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए इंटरेस्ट रेट फ्यूचर्स के नियमों को और अधिक स्पष्ट बना दिया है।

सेबी की वेबसाइट नए कलेवर में
डिजिटल मौजूदगी बढ़ाने के लिए सेबी ने अपनी वेबसाइट में बदलाव कर इसे नए कलेवर में पेश किया है। इसमें कई यूजर-फ्रेंडली खूबियां जोड़ी गई हैं। नई वेबसाइट सभी डेस्कटॉप और मोबाइल डिवाइसों के लिए अनुकूल बन गई है। अब यूजर इसके वेबपेजों को अपने सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर कर सकेंगे। सर्च फंक्शन को भी बेहतर बनाया गया है।

विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार, कोर्ट से मिली जमानत

लन्दन। भारत के ‘भगोड़े’ कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। स्कॉटलैंड यार्ड की इस कार्रवाई के बाद माल्या को वेस्टमिंस्टर की अदालत में पेश किया जहां उन्हें जमानत दे दी गई। अदालत में अब उनके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई होगी। बता दें कि भारतीय बैंकों की 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी का सामना कर रहे माल्या देश छोड़कर काफी वक्त से लंदन में रह रहे थे। माल्या पर कई दूसरे गंभीर वित्तीय आरोप भी लगे हुए हैं।

किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। यह कर्ज एसबीआई की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह ने दिया था। पिछले साल मार्च में माल्या भारत से निकल गए थे। उससे पहले उन्होंने यूएसएल के साथ डील की थी, जिसमें उन्हें कंपनी से हटने के एवज में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी और उस वक्त रही किसी भी ‘पर्सनल लायबिलिटी’ से वह मुक्त कर दिए गए थे। तबसे माल्या ब्रिटेन में है। इसके कुछ दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था। भारत ने इस साल 8 फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था। वहीं, प्रॉपर्टीज की नीलामी अब लैंडर्स की ओर से एसबीआई कैप ट्रस्टी करा रहा है।

गिरफ्तारी का था अंदेशा?
विजय माल्या को क्या अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा हो गया था? माल्या ने कुछ वक्त पहले ही ट्वीट करके बैंकों से समझौते की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वह बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एकमुश्त समझौता करने को तैयार हैं। उन्होंने लिखा था कि सार्वजनिक बैंको में एक बार में ही सारा कर्ज चुकाने का प्रवाधान है। सैकड़ों कर्जदाताओं इस नियम के तहत कर्ज चुकाया है फिर क्या वजह है कि उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है।

गोवा में माल्या के किंगफिशर विला का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली । नॉर्थ गोवा की शानदार लोकेशन पर बने शराब कारोबारी विजय माल्या के किंगफिशर विला का नाम बदलने के लिए प्रक्रिया चल रही है। ये गोवा के कैडोलिम बीच के पास स्थित है। इसे हाल ही में उद्योगपति और अभिनेता सचिन जोशी ने खरीदा है।इस विला के नए मालिक सचिन जोशी विकिंग वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर भी हैं।

उन्होंने बताया कि विला का नाम बदलना जाहिर तौर पर जरूरी है। हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत अभी नहीं दिए कि इसके लिए किसी एक नाम पर अभी सहमति बनी है या नहीं। जोशी ने बताया, “जाहिर तौर पर यह होना चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है। मैंने इसके लिए ऐसा कोई नाम अभी तक सोचा नहीं है।

  जब किंगफिशर विला का मालिकाना हक विजय माल्या के पास था, तो इसमें कई आलीशान पार्टियों का आयोजन किया जाता था।  विजय माल्या पर भारत के कई बैंकों का तकरीबन 9000 करोड़ रुपए बकाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से आयोजित नीलामी प्रक्रिया के तहत सचिन जोशी ने यह विला 73 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

गौरतलब है कि विजय माल्या बीते साल ही भारत छोड़ चुके हैं और वो फिलहाल लंदन में रह रहे हैं।भारतीय बैंकों का कंसोर्टियम भारत में मौजूद उनकी परिसपंत्तियों की बिक्री कर अपना बकाया वसूलने की कोशिश में लगा हुआ है।

जियो अकाउंट्स बंद करना शुरू , ऐसे ले सकते हैं लाभ

नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने हाल ही में उन यूजर्स के लिए एक नई पेशकश की घोषणा की थी, जो समर सरप्राइज ऑफर से नहीं जुड़ पाए थे। इसे जियो धन धना धन ऑफर नाम दिया गया था। यह योजना मूल रूप से पिछले समर सरप्राइज ऑफर की तरह ही थी, जिसके तहत प्रति दिन एक जीबी डाटा यूज मिलता है। इसके लिए यूजर को 309 रुपए के साथ ही 99 रुपए का जियो प्राइम का सब्सक्रिप्शन लेना होता है।

रिलायंस जियो ने घोषणा करते हुए कहा था कि यूजर को जियो प्राइम मेंबरशिप से जुड़ना होगा और उन्हें 309 या 509 रुपए का रीचार्ज 15 अप्रैल तक कराना होगा, ताकि वे सुविधाओं का लाभ ले सकें या सर्विस बंद होने से बच सकें।मगर, इस बीच कई ऐसे यूजर्स हैं, जिन्होंने अभी तक सदस्यता नहीं ली है, लेकिन उनकी सेवाएं अभी भी सक्रिय हैं।

हालांकि, ऐसे अकाउंट को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और अब प्राइम मेंबरशिप नहीं लेने वाले यूजर प्रभावित होने लगेंगे।ऐसे में अब रिलायंस जियो यूजर्स, जिन्होंने अभी तक रिचार्ज नहीं किया है, वे अभी भी जियो प्राइम के साथ धन धना धन ऑफर को ले सकते हैं। यानी यदि आपका जियो अकाउंट बंद हो गया है, तो आप जियो स्टोर पर जाएं या जियो वेबसाइट या माय जियो ऐप में जाएं। 84 दिन में डाटा यूज के लिए आपको 408 रुपए (प्राइम मेंबरशिप के लिए 99 रुपए और ऑफर के लिए 309 रुपए) का भुगतान करें।

इससे पहले रिलायंस जियो ने कहा था कि प्राइम मेंबरशिप को लेने की लास्ट डेट 31 मार्च थी। मगर, बाद में समर सरप्राइज ऑफर के साथ इसे बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया गया था। मगर, अब लग रहा है कि रिलायंस जियो निकट भविष्य में जियो प्राइम और धन धना धन ऑफर को जारी रखने जा रहा है।