Saturday, May 4, 2024
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तीन नए बदलाव के साथ लॉन्च फेसलिफ्ट हुंडई एक्सेंट

नई दिल्ली । हुंडई एक्सेंट का फेसलिफ्ट अवतार गुरूवार को लॉन्च  हो गया । मौजूदा एक्सेंट की कीमत 5.45 लाख रूपए से शुरू होकर 8.13 लाख रूपए तक जाती है, cardekho.com के मुताबिक फेसलिफ्ट एक्सेंट की कीमत 5.5 लाख से 8.5 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) के बीच हो सकती है। इसका मुकाबला मारूति स्विफ्ट डिजायर, होंडा अमेज़, फोर्ड फीगो एस्पायर, फॉक्सवेगन एमियो और टाटा टिगॉर से होगा।  क्या खासियतें समाई हैं नई एक्सेंट में, जानेंगे यहां…

1. डीज़ल इंजन में बदलाव

फेसलिफ्ट एक्सेंट के डीज़ल इंजन में सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस में नई ग्रैंड आई-10 वाला 1.2 लीटर का 3-सिलेन्डर डीज़ल इंजन मिलेगा, इसकी पावर 75 पीएस और टॉर्क 190 एनएम है। मौजूदा एक्सेंट में 1.1 लीटर का डीज़ल इंजन दिया गया है, जो 72 पीएस की पावर और 180 एनएम का टॉर्क देता है। पेट्रोल वर्जन में मौजूदा मॉडल वाला 1.2 लीटर का इंजन मिलेगा, इसकी पावर 83 पीएस और टॉर्क 114 एनएम है।

2. डिजायन में बदलाव
फेसलिफ्ट एक्सेंट के अगले और पिछले बम्पर में बदलाव नज़र आएगा। मौजूदा एक्सेंट का डिजायन पुरानी ग्रैंड आई-10 से मिलता-जुलता है, लेकिन नई एक्सेंट इस मामले में काफी अलग होगी। फेसलिफ्ट एक्सेंट के हैडलैंप्स का डिजायन तो ग्रैंड आई-10 से मिलता जुलता है, लेकिन बंपर और ग्रिल का डिजायन इसे हैचबैक से अलग बनाएगा। फेसलिफ्ट एक्सेंट में नई हैक्सोगोनल ग्रिल दी गई है, इस में क्रोम फिनिशिंग वाली होरिजोंटल पट्टियां लगी हैं। फेसलिफ्ट मॉडल में फॉग लैंप्स के चारों ओर डे-टाइम रनिंग लाइटें दी गई है, इसका डिजायन ग्रैंड आई-10 से अलग है। साइड वाले हिस्से में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। पीछे की तरफ दो हिस्सों में बंटे टेललैंप्स और नए बम्पर के साथ ब्लैक स्ट्रिप वाले रिफ्लेक्टर दिए गए हैं, इसका डिजायन आगे की तरफ दिए गए फॉग लैंप्स से मिलता-जुलता है। फेसलिफ्ट एक्सेंट में शार्क फिन एंटेना और बूट पर क्रोम लाइन भी मिलेगी। केबिन में बदलाव होने की संभावनाएं कम ही हैं।

3. फीचर
नई ग्रैंड आई-10 में एपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो कनेक्टिविटी सपोर्ट करने वाला 7.0 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेंमेंट सिस्टम दिया गया है, संभावना है कि यही सिस्टम फेसलिफ्ट एक्सेंट में भी मिलेगा। नई एक्सेंट में हुंडई की अल्टरनेटर मैनेजमेंट सिस्टम (एएमएस) टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड मिल सकती है। यह फीचर तेज रफ्तार में कार की बैटरी को चार्ज कर देता है, जो ईंधन की खपत को कम करता है और माइलेज बढ़ाने में कारगर साबित होता है। मौजूदा एक्सेंट में केवल ड्राइवर साइड एयरबैग स्टैंडर्ड दिया गया था, जबकि फेसलिफ्ट मॉडल में ड्यूल एयरबैग स्टैंडर्ड मिलेंगे। मौजूदा वर्जन के उलट एबीएस को स्टैंडर्ड फीचर लिस्ट से हटा लिया गया है, अब पहले की तरह एक्सेंट के बेस वेरिएंट से एबीएस नहीं मिलेगा।

4. कीमत और वेरिएंट

मौजूदा एक्सेंट छह वेरिएंट बेस, एस, एस ऑटोमैटिक, एस स्पेशल एडिशन, एसएक्स और एसएक्स (ओ) में उपलब्ध है, इसकी कीमत 5.49 लाख रूपए से शुरू होकर 8.13 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) तक जाती है। संभावना है कि फेसलिफ्ट एक्सेंट की वेरिएंट लिस्ट में बदलाव हो सकता है, इसकी बेस वेरिएंट की कीमत मौजूदा मॉडल जितनी हो सकती है, जबकि टॉप वेरिएंट की कीमत पहले से ऊपर जा सकती है। कुछ ऐसी ही रणनीति कंपनी ने नई ग्रैंड आई-10 के साथ भी अपनाई थी।

बाबा रामदेव खरीदेंगे सहारा की 7400 करोड़ की संपत्ति

नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि सहित तीन और बड़े औद्योगिक घरानों ने सहारा समूह की 7400 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने की इच्छा जताई है। सहारा की ऐसी करीब 30 से अधिक संपत्तियां हैं जिनकी नीलामी होनी है। इन बड़े घरानों के अलावा रियल इस्टेट कारोबार से जुड़ी दो कंपनियां और एक पीएसयू कंपनी ने भी ऐसी ही इच्छा जताई है।

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक जिन घरानों ने सहारा समूह की संपत्ति खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है उनमें गोदरेज, अडानी और टाटा शामिल हैं। इसके अलावा ओमैक्स और एल्डेको सहित इंडियन ऑयल ने भी कुछ इस तरह की सहमति दिखाई है। सहारा शहर लखनऊ में स्थित सहारा अस्पताल को खरीदने के लिए चेन्नई का अपोलो समूह सबसे आगे चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक बिक्री के तमाम प्रक्रिया और संपत्तियों का मूल्यांकन होने में समय नहीं होने के कारण इनका वास्तविक मूल्यांकन होना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सहारा को तत्काल सेबी के पास पैसा जमा कराना है।

लग सकता है 2-3 महीने का समय

सूत्रों के अनुसार सभी भावी खरीदार मान के चल रहे हैं इस पूरी प्रक्रिया में 2-3 महीने का समय लग सकता है। सहारा ग्रुप के प्रवक्ता ने नीलाम होने वाली ऐसी किसी भी संपत्ति का नाम बताने से इनकार किया और कहा कि सौदे की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला होगा। उन्होंने बताया कि इसकी विस्तृत जानकारी सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है।

पुणे की जमीन को खरीदना चाहता है गोदरेज समूह

गोदरेज प्रॉपर्टीज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा, हमारी नजर पुणे की जमीन को खरीदना चाह रही है, जिसकी बिक्री की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि अभी यह शुरुआती दौर में है। ओमैक्स के सीएमडी रोहतास गोयल ने भी इस बात की पुष्टि की कि कंपनी ने कुछ संपत्तियों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। एल्डेको के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज बजाज ने कहा कि वे भी कुछ संपत्तियां खरीदना चाह रहे हैं, लेकिन अभी इस बारे में विस्तार से बताने को कुछ नहीं है। वहीं अपोलो अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि अपोलो ने सहारा अस्पताल को खरीदना चाह रहा है जिसकी प्रक्रिया चल रही है। टाटा हाउसिंग ने इस पर जवाब देने से मान कर दिया जबकि अडानी ग्रुप और पतंजलि ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

बेहतर मानसून की भविष्यवाणी से ब्याज दर में कमी की उम्मीद

नई दिल्ली। मौसम विभाग की तरफ से सामान्य मानसून की भविष्यवाणी ने चालू वित्त वर्ष में भी किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, बल्कि लोगों की जेब पर ईएमआई के बोझ के हल्का होने की संभावनाएं भी बना दी हैं।

अच्छे मानसून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगा। यही नहीं, लगातार दूसरे साल ऐसा होने से देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार भी बढ़ेगी। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ भविष्यवाणी के अनुरूप रहा तो अगली तिमाही में ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगस्त में नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी कर सकता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से कम अवधि के कर्ज प्राप्त करते हैं।

रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मांग में सुधार अभी देखने को मिलने लगा है। खरीफ से होने वाली किसानों की आमदनी में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बैंक का मानना है कि रबी की फसल भी किसानों की आमदनी में 13 फीसद तक की वृद्धि कर सकती है।

बेहतर मानसून महंगाई के खतरे को भी कम करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक यदि इस साल भी मानसून की बारिश अच्छी हुई तो खुदरा महंगाई की औसत दर चालू वित्त वर्ष 2017-18 में चार फीसद के आसपास रहने की उम्मीद है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के पुराने आधार पर देखें तो अर्थव्यवस्था 4.5-5 फीसद की रफ्तार पर चल रही है। इसके सात फीसद तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। ऐसे में मांग बढ़ेगी तो उसका महंगाई की दर पर कुछ असर पड़ सकता है। मगर इसके बावजूद अगस्त में ब्याज दर में चौथाई फीसद की कमी की गुंजाइश बनती है।

इसी महीने छह तारीख को मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा था। मगर रिवर्स रेपो रेट को चौथाई फीसद बढ़ाकर छह फीसद कर दिया था। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा जून में करेगा। एक तरफ विकास की धीमी रफ्तार कीमतों को नीचे रखेगी, तो दूसरी तरफ खाद्य उत्पादों की महंगाई में उतार-चढ़ाव आता रहेगा। चूंकि अल नीनो का जोखिम बना रहेगा, इसलिए रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत बयान में आपूर्ति प्रबंधन को अहम बताया है। हालांकि बैंक ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि साल 2017 में कमोडिटी की कीमतें आमतौर पर स्थिर रहेंगी।

सर्वाधिक माइलेज देने वाली सस्ती बाइक

महंगाई के इस दौर में अगर बेहतरीन माइलेज, शानदार लुक और कम कीमत की बाइक मिल जाए, तो कौन ऐसे विकल्प से इनकार करेग! जानें, साल 2017 की बेस्ट माइलेज बाइक्स के बारे में…

Bajaj Platina ComforTec

बजाज की बजट बाइक ‘प्लैटिना’ लॉन्च के बाद से ही आम आदमी की पसंदीदा बाइक्स में से एक रही है। लगभग 43, 000 रुपये कीमत वाली इस बाइक में 102 सीसी का इंजन दिया गया है, जो 7,500 आरपीएम पर अधिकतम 8.1 बीएचपी का पावर व 5,000 आरपीएम पर 8.6 एनएम का टॉर्क देता है। नई प्लैटिना में अलॉय वील्स हैं और यह इलेक्ट्रिक स्टार्ट है। इस बार पैसेंजर कंफर्ट पर भी कंपनी ने खासा ध्यान दिया है।

Hero Splendor iSmart

भारत की ‘सबसे चहेती’ बाइक रही हीरो की स्प्लेंडर अब आईस्मार्ट के रूप में बाजार में उपलब्ध है। दावा किया गया है कि नई स्प्लेंडर
102.50 kmpl का माइलेज देती है। इसका 97 सीसी इंजन 7,500 आरपीएम पर 7.6 बीएचपी का पावर व 4,500 आरपीएम पर 8 एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है। इसकी कीमत 50,000-51,000 रुपये के बीच है।

Bajaj CT100

बजाज की एक और बजट बाइक सीटी 100 भी नए अवतार में उपलब्ध है। यह स्प्लेंडर और सीडी-डॉन को टक्कर देने के लिए बाजार में उतारी गई थी। दावा किया गया है कि यह 99.1 kmpl का माइलेज देने में सक्षम है। इसकी कीमत लगभग 35,033 रुपये है।

Bajaj Discover 100

डिस्कवर फैमिली की यह बाइक 94.38 सीसी इंजन के साथ आती है। सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली बाइक्स में इसका नाम लोगों की जुबान पर पहले से कायम है। 100 सीसी की खूबसूरत बाइक्स में शुमार डिस्कवर 100 की कीमत लगभग 48,000 रुपये है।

TVS Sport

नई टीवीएस स्पोर्ट कंपनी की पिछली बाइक स्टार सिटी का स्पोर्ट वर्शन है। 3 वर्शंस में उपलब्ध इस बाइक के लिए 95 kmpl माइलेज का दावा किया गया है। इसकी कीमत 36,505 रुपये है।

1 मई से लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मंत्री और अफसर

नई दिल्ली । केंद्रीय कैबिनेट ने वीवीआईपी कल्चर को खत्म करते हुए लाल और नीली बत्ती के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का फैसला ले लिया है। बुधवार को यह फैसला लिया गया। 1 मई को मजदूर दिवस के दिन से यह फैसला लागू होगा। यह रोक केंद्रीय मंत्रियों और अफसरों पर लागू होगी।

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि लालबत्ती की इजाजत पीएम को भी नहीं होगी। इसके अलावा, ये फैसला राज्य सरकार पर भी लागू होगा। हालांकि, इमर्जेंसी सर्विसेज को नीली बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत रहेगी। सरकार मोटर वीकल ऐक्ट के उस प्रावधान को ही खत्म करने जा रही है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कुछ खास लोगों को लाल बत्ती की इस्तेमाल की इजाजत देता है। गडकरी ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को भी हटा दिया है।

गडकरी अपनी सरकारी गाड़ी से इस बत्ती को हटाने वाले पहले नेता हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आम लोगों की सरकार है इसलिए हमने लाल बत्ती और हूटर्स का वीवीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला किया है।’ मंत्री ने इसे बड़ा लोकतांत्रिक फैसला बताते हुए कहा कि जल्द ही इस विषय में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बता दें कि काफी वक्त से सड़क परिवहन मंत्रालय में इसपर काम चल रहा था। इससे पहले, पीएमओ ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय में लगभग डेढ़ साल से लंबित था। इस दौरान पीएमओ ने पूरे मामले पर कैबिनेट सेक्रटरी सहित कई बड़े अधिकारियों से चर्चा की थी।

रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने लाल बत्ती वाली गाड़ियों के इस्तेमाल के मुद्दे पर कई सीनियर मंत्रियों से चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने पीएमओ को कई विकल्प दिए थे। इन विकल्पों में एक यह था कि लाल बत्तियों वाली गाड़ी का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाए। दूसरा विकल्प यह कि संवैधानिक पदों पर बैठे 5 लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो। इन 5 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हों। हालांकि, पीएम ने किसी को भी रियायत न देने का फैसला किया।

 

मानसून सामान्य रहने की रिपोर्ट से सेंसेक्स 54 अंक मजबूत

मुंबई। देश में इस साल मानसून सामान्य रहने की भविष्वाणी का शेयर बाजार पर अच्छा प्रभाव पड़ा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में 54 अंक से अधिक तेजी के साथ खुला। निवेशकों ने दुनिया के अन्य बाजारों में कमजोर रूख को तवज्जो नहीं दी और चुनिंदा शेयरों में लिवाली की।

आईटी, बिजली, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों की अगुवाई में तीस शेयरों वाला सूचकांक 54.45 अंक या 0.18 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,373.55 अंक पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रूख के साथ भू-राजनीतिक तनाव के कारण पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में 469.25 अंक की गिरावट आ चुकी है।

इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 15.35 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,120.50 अंक पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने कल जून-सितंबर तिमाही में मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है।एशिया के अन्य बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रूख रहा। हांगकांग का हैंगसेंग 0.72 प्रतिशत जबकि जापान का निक्की 0.09 प्रतिशत नीचे आये। 

चीनी पर स्टॉक लिमिट 6 महीने के लिए बढ़ी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है,  पिछले साल अप्रैल में सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाने की घोषणा की थी जिसके तहत 30 दिन के लिए 500 टन से ज्यादा का स्टॉक रखने की इजाजत नहीं है, कोलकाता के कारोबारियों के लिए 30 दिन के लिए 1,000 टन चीनी का स्टॉक रखने की इजाजत है।

पहले यह स्टॉक लिमिट 30 सितंबर 2016 तक लागू की गई थी लेकिन बाद में इसे और 6 महीने के लिए बढ़ाकर इस साल अप्रैल अंत तक लागू कर दिया था। अब क्योंकि स्टॉक लिमिट की अवधि खत्म होने जा रही थी ऐसे में सरकार ने इसे और 6 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।

इस साल देश में सिर्फ 203 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत करीब 240-250 लाख टन के बीच रहती है, पिछले साल का हालांकि करीब 77 लाख टन स्टॉक बचा हुआ है लेकिन फिर भी सप्लाई को लेकर आशंका जताई जा रही है और इसी आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5 लाख टन ड्यूटी फ्री चीनी के आयात को मंजूरी दी हुई है। 

ट्रेन के एसी कोच में नहीं लगेगी ज्यादा सर्दी या गर्मी

 -दिनेश माहेश्वरी
कोटा। वातानुकूलित ट्रेन में अब आप यात्रा के दौरान पसीने से तर-बतर नहीं होंगे। रात के समय ज्यादा कूलिंग के कारण ठिठुरने की मजबूरी भी नहीं होगी। आपको इन समस्याओं से निजात के लिए अगले स्टेशनों के आने का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। कोच एटेंडेंट से भी इसके लिए बार-बार जाकर गुजारिश करने की आवश्यकता नहीं होगी। दरअसल, रेलवे ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे कोच का वातानुकूलित मेकेनाइज्ड तरीके से कंट्रोल हो सके। 

आसानी से होगी ट्रेन के कोच की निगरानी    

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) तकनीक के तहत ट्रेन के कोच की निगरानी की जाएगी। शुरुआती दौर में राजधानी और शताब्दी ट्रेनों के एयर कंडीशन कंट्रोल पैनल को सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा। 
दिल्ली मंडल में सीसीएमएस की सुविधा जून महीने से मिलनी शुरू हो जाएगी। राजधानी, शताब्दी ट्रेनों के बाद लंबी दूरी की अन्य ट्रेनों में भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।     

सीसीएमएस दिल्ली रेल मंडल से ही संचालित की जाएगी। सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम से यह पता चलता रहेगा कि किस ट्रेन के किस कोच में तापमान की स्थिति क्या है। अगर एसी ठीक से काम नहीं कर रही है तो अगले स्टेशन पर सूचित कर एसी ठीक करने वालों को जानकारी दी जाएगी। यात्रियों के शिकायत पर भी तुरंत करवाई की जाएगी। इसी तरह कोच में ठीक से रोशनी नहीं मिल रही है तो उसका भी निदान किया जाएगा। हेड ऑन जेनरेशन तकनीक यानी ओवर हेड वॉयर से ट्रेनों के कोच में इलेक्ट्रिक सप्लाई होने से भी सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग करने में आसानी होगी।

 

आईएल जैसे पीएसओ के क्लोजर की स्थिति में इनकम टैक्स में छूट होना चाहिए

आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश के बारे में जानकारी देते पंकज लड्ढा निवेश गुरु

 आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश पर आयोजित सेमिनार में बोले निवेश गुरू पंकज लड्ढा

कोटा। क्या पीएसओ क्लोजर की परिस्थितियों में आई एल के कर्मचारियों को इनकम टैक्स लगेगा। सभी कर्मचारियों की जिज्ञासा पर यह प्रश्न यूनियन के अध्यक्ष रामू द्वारा पूछा गया। जिसके जवाब में सीए अनंत लड्ढा ने मद्रास हाई कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देता हुए कहा कि वर्ष 1987 से  हिंदुस्तान फोटो फिल्म इंडस्ट्रीज काम नहीं कर रही है।  कर्मचारियों को वीआरएस पैकेज जो 72 माह की सेलेरी के बराबर देने की इच्छा रखती है। इस पर इनकम टैक्स नहीं लगना चाहिए। इस पर  इनकम टैक्स की धारा 10 (10 डी) के तहत छूट मिलनी चाहिए।
यह एकमुश्त कन्शेसन इनकम टैक्स की परिभाषा में आता है । वे  तलवण्डी स्थित एक होटल में आयोजित एक सेमिनार में आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश के बारे में जानकारी दे रहे थे।

हमें क्या करना चाहिए

इसी अवसर पर नीलेश भार्गव ने पूछा हम कर्मचारियों को सरकार उक्त निर्णय के बाद भी टीडीएस काट कर रिटायरमेंट राशि दे रही है।  हमें क्या करना चाहिए  निवेश गुरु पंकज लड्ढा ने कहा कि कर्मचारियों को यूनियन के माध्यम से किसी सीनियर सीए या कर सलाहकार के माध्यम से लिखित में ओपिनियन लेकर मैनेजमेंट से बात करनी चाहिए। 

रिटायरमेंट की प्लानिंग करना समझदारी भरा कदम

  निवेश गुरू पंकज लड्ढा ने बताया कि हम पूरी जिंदगी डटकर काम करते हैं जिससे हम अपने परविार के साथ सुकून भरी लाइफ जी सकें। लेकिन हम तब तक ही कमा सकते हैं कि जब तक हमारा शरीर साथ देता है। अपने सिक्योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है। अक्सर लोग रिटायरमेंट किसी भी सरकारी या निजी कंपनी की स्कीम में अंधाधुंध निवेश कर डालते हैं। लेकिन इसके लिए प्रोपर प्लानिंग के साथ समझदारी पूर्ण निवेश करना बहुत जरूरी है। 

30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर

उन्होंने विस्तार से समझाते हुए कहा कि 30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर निवेश करना ठीक रहता है। वहीं शेष राशि का 5 प्रतिशम सोने में 20-30 प्रतिशत एफडी, पोस्ट आॅफिस अथवा म्युचुअल फंड में 20-30 प्रतिशत बेलेंस्ड फण्ड में और शेष राशि इक्विटी म्युचुअल फण्ड में निवेश करना चाहिए। इस प्रकार से संतुलित विनेश करके लगभग 12 प्रतिशत रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। जो अगले 20 वर्षाें तक काम आएगा।

उन्होंने कहा कि निवेश करते समय व्यक्ति केवल दिमाग नहीं बल्कि दिल से भी काम लेता है। इस कारण से उसे पोस्ट आॅफिस और एफडी सुरक्षित जान पड़ते है। लेकिन रिटायरमेंट की राशि का निवेश सलाहकार की मदद से करना चाहिए। सीए अनन्त लड्ढा ने कहा कि रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त राशि पर इनकम टैक्स और टीडीएस नहीं लेना चाहिए। मुम्बई से आए मनीष ने मोतीलाल ओसवाल रामदेव अग्रवाल के जीरो से एक हजार करोड के सफर का विस्तृत विवरण पेश किया। 

 निवेश से भागें  नहीं, बल्कि निवेश में भाग लें 

एमए अंसारी ने कहा कि यह समय निवेश से भागने का नहीं है, बल्कि निवेश में भाग लेने का है। सीएल जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एमसी माहेश्वरी, एसके गुप्ता, चन्दालाल वर्मा, महेश लखोटिया, नीलेश भार्गव, ओपी शर्मा, सीएन जैन, रमेश शर्मा, विनोद जाला, शरद गुप्ता, संजय शर्मा, आरएल कौशल, डीके मलिक, सरिता सोगवानी, प्रतिमा, कमला, भावना समेत कईं लोग उपस्थित थे।