Monday, May 13, 2024
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जीएसटी : ऑफलाइन एक्सेल शीट प्रारूप 25 जून को

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नई दिल्ली। जीएसटी नेटवर्क 25 जून को ऑफलाइन एक्सेल शीट प्रारूप पेश करेगा। इसका उपयोग व्यापारी और कंपनियां जीएसटी पोर्टल पर बिक्री आंकड़ा अपलोड करने में कर सकेंगे। जीएसटी-नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा कि सभी प्रकार के व्यापार (बिक्री) के लिए जीएसटी रिटर्न फॉर्म जीएसटीएन वेबसाइट पर जुलाई के मध्य तक डाला जाएगा।

जीएसटीएन नई अप्रत्यक्ष टैक्स व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधार है। जीएसटी कानून के तहत एक महीने में की गई सभी प्रकार की बिक्री या कारोबार के लिए रिटर्न अगले महीने की 10 तारीख तक भरनी है। इसीलिए अगर जीएसटी एक जुलाई से लागू होता है, तो बिक्री आंकड़ा 10 अगस्त तक अपलोड करना है।

कुमार ने कहा, ‘हम 25 जून तक जीएसटीएन पोर्टल पर एक्सेल शीट जारी करेंगे। ….इससे टैक्सपेयर्स को उस प्रारूप के बारे में पता चलेगा जिसमें सूचना देनी है…। एक्सेल शीट में कंपनियों को इनवॉइस संख्या, खरीदार का जीएसटीआईएन, बेचे गए सामान या सेवाएं, वस्तुओं का मूल्य या बिक्री की गई सेवाएं, टैक्स प्रभाव और भुगतान किए गए टैक्स जैसे लेन-देन का ब्योरा देना होगा।

रिटर्न के बारे में कुमार ने कहा कि कंपिनयों को इसे अगस्त में फाइल करना होगा। उन्होंने कहा, ‘सभी फॉर्म तैयार किए जा चुके हैं। हम परिषद के निर्णय के अनुसार उसमें बदलाव को शामिल कर रहे हैं। हम रिटर्न फॉर्म जुलाई के मध्य में उपलब्ध कराएंगे।’

आधार-UAN डाटा हुआ मिसमैच, अटके 1 लाख लोगों के पीएफ क्लेम

नई दिल्ली। देश भर के 1 लाख से ज्यादा लोगों के पीएफ क्लेम अटक गया है। यह सभी लोग केंद्र सरकार की दो योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार योजना और पीएम परिधान रोजगार प्रोत्साहन योजना से जुड़े हुए हैं। इससे इन योजनाओं में जु़ड़े कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

इस योजना से जुड़े कर्मियों के आधार और यूएएन का वेरिफिकेशन करना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीफओ) के जिम्मे है। ईपीएफओ के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को अपने आधार और यूएएन को लिंक करना होगा। 

30 जून तक ठीक की जाए गड़बड़ी

ईपीएफओ ने अपने फील्ड ऑफिसर्स से कहा है कि वो 30 जून तक इन क्लेम में मौजूद सारी गड़बड़ी को ठीक कर लें। करीब 105591 पीएफ मेंबर का डाटा आपस में मेल नहीं खाया है, जिसको ठीक करना है। ईपीएफओ ने कहा है कि अगर डाटा मेल हो जाए तो फिर मेंबर का पैसा रिलीज कर दिया जाए, नहीं तो उसको पैसा रिलीज न करें।  

‘किसानों को लागत मूल्य लेना है तो दबानी पड़ेगी सरकार की नाक’

कोटा। किसानों को लागत मूल्य लेना है तो  सरकार की नाक दबानी पड़ेगी। मध्यप्रदेश में किसानों ने वहां की सरकार की नाक दबाई तब सरकार का किसानों के लिए मुंह खुला। यह बात  पिछले दो दिन से दशहरा मैदान में संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने चल रहे महापड़ाव के दौरान किसान नेताओं ने कही ।

भारतीय किसान संघ का अनिश्चितकालीन महापड़ाव चल रहा है। शुक्रवार को झालावाड़ से आए किसान इसमें शामिल हुए। प्रांतीय प्रचार प्रमुख सत्यनारायण सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दुगनी करनी की बात कह रहे हैं। उससे यह तय है कि किसान की आमदनी दोगुनी नहीं उसके ऊपर कर्जा चार गुना होगा और किसान आत्महत्या करेगा।

इसी बात को सरकार को समझाने के लिए भारतीय किसान संघ संघर्षरत है। प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य हरिसिंह खेरखेड़ा ने कहा कि किसानों ने हाड़ौती में लहसुन बोया। उसकी लागत 30 से 35 हजार रुपए प्रति बीघा आई। जबकि उसके द्वारा पैदा किया लहसुन मंडियों में औने -पौने दामों में बिक रहा है।

किसानों ने सरकार से लाभकारी मूल्य मांगा, तो ऊंट के मुंह में जीरा रखने के समान 3200 के भाव से सरकार 10 हजार मीट्रिक टन लहसुन खरीदने की योजना लाई। जिसने किसानों के जख्म हरे किए है। 3700 रू. का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने घोषित कर रखा है। लेकिन उसके नीचे के भाव से किसानों की सरसों मंडियों में व्यापारी खरीद रहे हैं।

प्रांत सहकारिता प्रमुख जगदीश कलमंडा ने कहा कि सरकार किसानों का गला दबाने की नीतियों के साथ कृषक विरोधी बनी हुई है। क्रॉप लोन 1600 करोड़ से घटाकर 1400 करोड़ कर दिया। किसान अपनी समस्या सरकार को बताता है तो उन्हें मीठी गोली दी जा रही है जो अब जहर बन रही है। महापड़ाव में दूसरे दिन प्रदेश सह महामंत्री जगदीश शर्मा, प्रांत मंत्री शंकरलाल नागर उपस्थित रहे। शाम चार बजे संघ के प्रतिनिधि मंडल ने संभागीय आयुक्त को सरकार के नाम ज्ञापन दिया।

शनिवार को महापड़ाव में बूंदी जिला से किसान महापड़ाव में पहुंचेंगे। हाड़ौती किसान आंदोलन को लेकर शनिवार को सुबह 11 बजे गवर्नमेंट कॉलेज में छात्र संगठन की मीटिंग होगी। संयोजक कुंदन चीता ने बताया कि शनिवार को बूंदी जिले के केशवरायपाटन कस्बे में हाड़ौती किसान यनियन के तत्वावधान में किसान सत्याग्रह के तहत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए किसान मात्रा रोड पर एकत्रित होंगे। वहीं, किसान कांग्रेस ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया।

बाजार हस्तक्षेप योजना फेल

बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत हाड़ौती में शुरू हुई लहसुन की सरकारी व्यवस्था शुक्रवार को पूरी तरह से फेल रही। खानपुर में एक दिन पहले टोकन बांटकर किसानों को लहसुन लेकर बुलाने वाले अधिकारी गायब हो गए। केशवरायपाटन में एक किसान का लहसुन खरीदकर क्वालिटी निरीक्षक मौके से नदारद हो गए। छीपाबड़ौद की गल्ला मंडी में सिर्फ लहसुन के 12 कट्टे खरीदे गए।

संभाग मुख्यालय पर भामाशाहमंडी में एक ही किसान के 103 कट्टे लहसुन के खरीदे गए। वहीं इस दिन कोटा में 46, केशवरायपाटन में 36 छीपाबड़ौद में 5 क्विंटल लहसुन की खरीद हुई। संभाग के चारों केंद्रों को मिलाकर 87 क्विंटल लहसुन खरीदा गया। खानपुर में कृषि पर्यवेक्षक ने किसानों को टोकन बांटे थे। शुक्रवार को जब किसान अपना लहसुन बेचने के लिए आए तो पता चला मंडी में खरीद ही नहीं हो रही।

पूछने पर बताया गया कि जयपुर में राजफेड की मीटिंग है अधिकारी वहां गए हुए है। इससे किसान आक्रोशित हो गए। एसडीएम ने शुक्रवार को व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया था। लेकिन व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ी है। इस दिन एसडीएम ने अपना मोबाइल बंद रखा। केशवरायपाटन कृषि उपज मंडी में दोपहर के समय लहसुन की खरीद शुरू हुई।

लेकिन माधोराजपुरा के किसान का 36 क्विंटल लहसुन तुलने के बाद किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई। छीपाबड़ौद में भी लहसुन खरीद की व्यवस्थाएं ठीक नहीं रही। एक किसान के 12 कट्टे खरीदे गए। बाकी के 58 कट्टों में भरा लहसुन पोचा सड़ा हुआ बताकर उसे नापास कर दिया गया। गुरुवार को कांटा लगा लेकिन खरीद नहीं हुई। ऐसे में तीन दिन में छीपाबड़ौद में 5 क्विंटल 40 किलो लहसुन खरीदा गया। 

स्विस बैंकों में कालाधन रखने वाले भारतीय अब खुद बेनकाब हो जाएंगे

कालाधन: सूचनाओं के आदान-प्रदान को स्विट्जरलैंड की मंजूरी

नई दिल्ली। स्विस बैंकों में कालाधन रखने वाले भारतीय अब खुद बेनकाब हो जाएंगे। उनकी बैंक अकाउंट डीटेल तुरंत सरकार तक पहुंच जाएगाी। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, संदिग्ध काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है।

अब इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कडे़ नियमों का अनुपालन करना होगा। टैक्स संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फर्मेशन) पर वैश्विक संधि को मंजूरी के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद (मंत्रिमंडल) की मुहर लग गई है। स्विट्जरलैंड सरकार ने इस व्यवस्था को वर्ष 2018 से संबंधित सूचनाओं के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है यानी आंकड़ों के आदन प्रदान की शुरुआत 2019 में होगी।

स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था शुरू करने की तारीख की सूचना भारत को जल्द ही देगी। परिषद द्वारा इस संबंध में स्वीकृत प्रस्ताव के मसौदे के अनुसार, इसके लिए वहां अब कोई जनमत संग्रह नहीं कराया जाना है। इसलिए इसे लागू करने में देरी की आशंका नहीं है। कालेधन का मुद्दा भारत में सार्वजनिक चर्चा का मुद्दा है।

लंबे समय से ऐसा माना जाता है कि बहुत से भारतीयों ने अपना काला धन स्विट्जरलैंड के बैंक-खातों में जमा कर रखा है। भारत विदेशी सरकारों, स्विट्जरलैंड जैसे देशों के साथ अपने देश के नागरिकों के बैंकिंग सौदों के बारे में सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर जोरदार प्रयास करता आ रहा है।

स्विट्जरलैंड ने शुक्रवार को जिस बहुपक्षीय एईओआई (ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फर्मेशन) सिस्टम को अप्रूव किया है, वह ऐसे प्रयासों का ही नतीजा है ताकि विदेश के रास्ते कालेधन को खपाने और मनी लॉन्ड्रिंग पर कारगर अंकुश लगाया जा सके। सूचनाओं के आदान-प्रदान के नियम पेरिस स्थित संगठन आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने तैयार किए हैं।

योग दिवस पर कोटा में सात जगहों पर होंगे आयोजन

कोटा। भारतीय योग संस्थान की ओर से 21 जून को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जायेगा। कोटा में भी इसी दिन सात जगह सुबह 6 से 7.30 बजे तक योग दिवस समारोह के रूप में मनाया जायेगा।

यह जानकारी शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में संस्थान के प्रांतीय मंत्री राजेश चतर ने बताया कि कोटा में महावीर नगर चंद्रशेखर पार्क, इन्द्रविहार में श्रीनाथ पार्क, तलवंडी में अष्टमुखी महादेव मंदिर दादाबाड़ी में रेंडल पार्क ,दादाबाड़ी शास्त्री नगर में लालबहादुर शास्त्री पार्क एवं शिवाजी पार्क और नयापुरा में सीबी गार्डन में योग कराया जायेगा।

जिला प्रधान मदन लाल अरोड़ा ने बताया कि इस दौरान प्रमुख रूप से सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, भुजंग आसन, शलभ आसन, पद्मासन, प्राणायाम, कपल भांति, नदी शोधन एवं ध्यान के विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। प्रकाश तापड़िया ने बताया कि पांच चरणों में ध्यान कराया जायेगा।  

जीएसटी के बाद एटीएम का इस्तेमाल करना हो जाएगा महंगा

नई दिल्ली। अगर आप भी अपनी दैनिक जरुरत के लिहाज से एटीएम पर ज्यादा निर्भर रहते हैं तो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद जल्द ही एटीएम का इस्तेमाल आपको महंगा पड़ने वाला है। जीएसटी काउंसिल की ओर से प्रस्तावित दरों के हिसाब से बैंकिंग सेवाओं का अभी के मुकाबले थोड़ा महंगी होना लगभग तय माना जा रहा है।  केंद्र सरकार जीएसटी कानून को 1 जुलाई से देश भर में लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

क्यों महंगा होगा एटीएम का इस्तेमाल:
जीएसटी के अंतर्गत एक जुलाई से एटीएम ट्रांजैक्शन पर 18 फीसद टैक्स लगेगा। यह दर मौजूदा समय में 15 फीसद है। यानी जीएसटी लागू होने के बाद इसमें सीधे तौर पर तीन फीसद का इजाफा होगा। मौजूदा समय में उपभोक्ताओं के लिए अपने बैंक के एटीएम से महीने में पांच ट्रांजेक्शन और दूसरे बैंक के एटीएम से तीन ट्रांजैक्शन फ्री हैं।

हालांकि देश के छह बड़े शहरों में अपने बैंक के एटीएम से तीन ट्रांजैक्शन फ्री हैं। इससे अधिक ट्रांजैक्शन करने पर प्रति ट्रांजेक्शन बीस रुपए और सर्विस टैक्स देना होता है। जीएसटी काउंसिल अब तक करीब 16 बैठकें कर चुकी है। 14वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल ने 1200 से अधिक वस्तुओं और 500 से अधिक सेवाओं पर जीएसटी की दरें तय की थीं।

वहीं 15वीं बैठक में सभी राज्यों ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सहमति जताई। इसके अलावा आखिरी यानी 16वीं बैठक में काउंसिल ने इंडस्ट्री के विरोध के बाद कुछ वस्तुओं पर प्रस्तावित टैक्स की दरों में संशोधन किया था। काउंसिल की अगली बैठक 18 जून को होनी है।

 

 

एम्स एमबीबीएस की परीक्षा में टॉपर्स को लेकर भिड़े कोटा के दो कोचिंग संस्थान

कोटा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा आयोजित एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में शीर्ष दस रैंक लाने वाले छात्रों को लेकर शहर के दो कोचिंग संस्थान एलन कैरियर और आकाश कोचिंग आपस में भिड़ गए हैं । दोनों संस्थानों का दावा है कि टॉप 10 स्टूडेंट्स उनके संस्थान से ही पढ़े हैं। परीक्षा का परिणाम गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे घोषित किया गया था। एम्स ने टॉपर्स की लिस्ट घोषित नहीं की थी। 

राजस्थान के कोटा में स्थित संस्थान एलन कैरियर इंस्टीट्यूट ने परिणामों के घोषित होने के कुछ घंटों के बाद कहा कि शीर्ष दस छात्र उनके संस्थान से थे। इसमें गुजरात के सूरत की रहने वाली निशीता पुरोहित ऑल इंडिया टॉपर है। देश भर में एलन के 40 संस्थान हैं, जहां करीब 1.5 लाख छात्र पढ़ते हैं। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर नवीन माहेश्वरी ने टापर्स का नाम और उनकी पोजीशन्स के बारे में भी बताया।

उन्होंने कहा कि अर्चना गुप्ता ने दूसरी रैंक हासिल की, उसके बाद तमोघना घोष, निपुन चंद्रा, हर्ष अग्रवाल, ऋषव राज, हर्षित आनंद, रिंकू सरमाह, अभिषेक डोगरा और मनीष मूलचंदानी ने रैंक हासिल की। इसके अगले दिन एक और कोचिंग इंस्टीट्यूट आकाश एजुकेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (AESPL) ने शीर्ष 11 रैंक हासिल करने वाले छात्रों ने नाम दिए। इस सूची में भी कुछ उन छात्रों के नाम शामिल थे, जिनके नाम एलन ने जारी किए थे।

AESPL ने एक बयान में कहा कि हमारे क्लासरूम प्रोग्राम के तहत शीर्ष 12 रैंकों में से तमोघना घोष ने तीसरी रैंक, हासिल की, निपुन चंद्र ने चौथी, हर्ष अग्रवाल ने 5वीं रैंक और अभिषेक डोगरा ने 9वीं रैंक हासिल की। AESPL ने यह भी दावा किया कि पहली और दूसरी रैंक हासिल करने वाली निशिता पुरोहित व अर्चित गुप्ता उसके डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम में शामिल थे।

संस्थान ने दावा किया कि हर्षित आनंद (7वीं रैंक), रिंकू सरमाह (8वीं रैंक) और मनीष मूलचंदानी (10वीं रैंक) ने डिस्टेंस कोर्स किया है। कोटा में एक प्रेसवार्ता में निशिता पुरोहित, अर्चित गुप्ता और मूलचंदानी ने कहा कि वे एलन की नियमित कक्षा के छात्र थे। तमोघना घोष के रिश्तेदार ने कहा कि वह एलेन की डिस्टेंस लर्निंग का स्टूडेंट थी और नियमित रूप से AESPL में जाती थी।

निपुन चंद्र के परिवार ने यह भी कहा कि वे AESPL का नियमित छात्र था और एलन में दो से तीन ऑनलाइन टेस्ट दे चुका था। हर्षित आनंद, हर्ष अग्रवाल और ऋषव राज ने कहा कि वह एलन का नियमित छात्र था। अभिषेक डोगरा ने कहा कि उसने अपनी कुछ पढ़ाई एलेन में की और कुछ हिस्सा AESPL में पूरा किया था। 

दोनों संस्थानों ने देश के तमाम बड़े समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर इस बात के दावे भी किये। इन विज्ञापनों को देख कर जनता भ्रमित हो गई। कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच। इस मामले की जानकारी के लिए LEN-DEN NEWS ने दोनों संस्थानों के संचालकों से बात करनी चाही तो दोनों ने फोन पर बात नहीं की। 

 

जीएसटी से नाश्ता हो जाएगा महंगा, बच्चों के खाने पर भी पड़ेगा असर

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नई दिल्ली। 1 जुलाई से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स से उन चीजों के दाम बढ़ जाएंगे, जिनका इस्तेमाल हम और आप जैसे लोग रोजाना करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा गठित जीएसटी काउंसिल ने टूथपेस्ट, कॉर्नफ्लेक्स से लेकर के शेविंग क्रीम, शैम्पू पर 12 से 28 फीसदी तक का टैक्स लगाया है। इससे महीने का बजट बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इनका इस्तेमाल प्रत्येक आदमी करता है। 

इन पर लगेगा 12 फीसदी टैक्स
जिन उत्पादों पर जीएसटी काउंसिल ने टैक्स लगाया है, उनमें फ्रोजन मीट प्रोडक्ट, बटर, चीज़, घी, पैकेट में बिकने वाले ड्राई फ्रूट्स, जूस, नमकीन भुजिया, दंत मंजन, टमाटर सॉस शामिल हैं। 

इन पर लगेगा 18 फीसदी टैक्स
जिन उत्पादों पर जीएसटी काउंसिल ने टैक्स लगाया है, उनमें बिस्किट, रिफाइंड चीनी, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, केक और पेस्ट्रीज, फ्रोजन सब्जियां, जैम, सूप, आइसक्रीम, मिनरल वॉटर, टिश्यू पेपर, पैकेट में बिकने वाले सब्जियों के पेस्ट शामिल हैं। 

इन पर लगेगा 28 फीसदी टैक्स
सरकार ने जिन उत्पादों पर सर्वाधिक टैक्स लगाया है उनमें शेविंग क्रीम, डियोडरेंट, ऑफ्टर शेव लोशन, शैम्पू, बालों में लगाने वाली डाई, शेविंग मशीन, चॉकलेट युक्त वेफर्स, मोटर साइकिल शामिल हैं।

जीएसटी के बाद रसोई गैस सहित सस्ती हो जाएंगी घरेलू उपयोग की चीजें

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नई दिल्ली। 1 जुलाई से नोटबुक, घरेलू एलपीजी, एल्यूमीनियम फॉइल, इंसुलिन, अगरबत्ती और बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग वाली घरेलू चीजें जीएसटी के लागू होने के बाद सस्ती हो जाएंगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा घरेलू उपयोग की चीजों पर स्वीकृत की गई कर की दरें वर्तमान में केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए जा रहे संयुक्त अप्रत्यक्ष कर दरों की तुलना में बहुत कम हैं।

गौरतलब है कि देश में नया अप्रत्यक्ष कर 1 जुलाई से लागू होगा, जिसमें वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को जीएसटी काउंसिल से स्वीकृति मिलने के बाद केन्द्रीय और राज्य सरकारें मिलकर तय करेंगी। जिन वस्तुएं में वर्तमान संयुक्त अप्रत्यक्ष कर से कम जीएसटी लगाया गया है, उनमें मिल्क पाउडर, दही, मक्खन, प्राकृतिक शहद, डेयरी स्प्रेड, पनीर, मसाले, चाय, गेहूं, चावल, आटा और मसाले शामिल हैं।

इसके अलावा मूंगफली तेल, पाम ऑयल, सूरजमुखी तेल, नारियल तेल, सरसों का तेल, चीनी, पास्ता, स्पेगेटी, मैक्रोनी, नूडल्स, फल और सब्जियों, अचार, मुरब्बा, चटनी, मिठाई, केचप और सॉस पर भी कम कर लगाया गया है। वित्त मंत्रालय ने वस्तुओं की एक सूची जारी की है, जिसमें जीएसटी की दरें मौजूदा करों से कम होगी। इस सूची में टॉपिंग्स, स्प्रेड और सॉस, इंस्टेंट फूड मिक्स, मिनिरल वॉटर, बर्फ, सीमेंट, कोयला, केरोसिन, घरेलू एलपीजी, इंसुलिन, अगरबत्ती, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, काजल, साबुन, एक्स-रे फिल्म शामिल हैं।

नए टैक्स के तहत प्लास्टिक के तिरपाल, स्कूल बैग, एक्सरसाइज बुक, नोट बुक, पतंग, बच्चों की तस्वीर, ड्राइंग या रंग भरने वाली किताबें, रेशमी व ऊनी कपड़े, कुछ प्रकार के सूती कपड़े और विशिष्ट रेडीमेड कपड़ों, 500 रुपए के जूते और हेलमेट पर भी दरों को कम रखा गया है। राख से बनीं ईंटें, राख से बने ब्लॉक, चश्मे, एलपीजी स्टोव, चम्मच, कांटे, स्किमर्स, केक सर्वर, फिश चाकू, चिमटे, ट्रैक्टर के पिछले टायर-ट्यूब और वजनी मशीनरी पर भी कर की दरें कम रखी गई हैं।

 18 जून को  बैठक

राज्य वित्त मंत्रियों और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने मई और जून के दौरान सभी वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को लागू करने का फैसला किया था। काउंसिल 18 जून को ई-वे नियमों और मुनाफाखोरी विरोधी मानदंडों पर नियम बनाने के लिए बैठक करेगी।