सभी M-1 केटेगरी के वाहन में 6 एयरबैग लगाने की अनिवार्यता एक साल बढ़ाई

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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पैसेंजर्स कारों में अनिवार्य 6 एयरबैग्स (6 Airbags in Passenger Cars) के अगले एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब ये नियम 1 अक्टूबर 2023 से लागू किया जाएगा।

गडकरी ने ग्लोबल सप्लाई-चेन में आ रही बाधाओं के चलते 6 एयरबैग नियम को एक्सटेंड किया है। हालांकि, यह केवल M-1 केटेगरी के पैसेन्जर वाहनों के लागू किया गया है। सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए परिवहन मंत्रालय काफी लंबे समय से गाड़ियों में बैठे यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए काफी लंबे समय से चारपहिया वाहनों में 6 एयरबैग लगाने की बात कही जा रही थी, जिसे अब 2023 से लागू किया जायेगा।

इसलिए बढ़ाई गई समय-सीमा
गडकरी ने कहा कि सरकार ने ग्लोबल लेवल पर सप्लाई चेन में होने वाली बाधाओं के कारण यात्री कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने के प्रस्ताव को लागू करने की सीमा को एक साल के लिए टाल दिया है। गडकरी ने ट्विटर पर लिखा, “मोटर वाहनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, चाहे उनकी कीमत और वैरिएंट कुछ भी हों।” गौरतलब है कि इससे पहले इस नियम को इसी साल 1 अक्टूबर से बढ़ाए जाने की बात कही जा रही थी। गडकरी ने आगे कहा, भारत में अधिकांश ऑटोमोबाइल निर्माता 6 एयरबैग वाली कारों का निर्यात कर रहे हैं। लेकिन भारत में, आर्थिक मॉडल और लागत के कारण, वे झिझक रहे हैं। ” ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त एयरबैग्स लगाने से गाड़ियों की कीमतों में इजाफा हो जाएगा, जिसका सीधा असर इनकी बिक्री पर होगा।

क्या है M-1 केटेगरी के वाहन
पहले जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 8 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली और 3.5 टन से कम वजन वाले सभी वाहन M-1 की श्रेणी में आते हैं। बता दें, 1 जनवरी 2022 से सभी वाहनों में डुअल फ्रंट एयरबैग अनिवार्य कर दिया गया था।