शिशु के उत्तम स्वास्थ्य के लिए तनाव से दूर रहें गर्भवती महिलाएं

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मानसिक स्वास्थ्य एवं स्वस्थ जीवन शैली पर कार्यशाला आयोजित

कोटा। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की मानसिक स्थिति भी महत्वपूर्ण पहलू है। इस दौरान अगर गर्भवती महिला के आसापास तनाव पूर्ण वातावरण होता है तो इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को हमेशा तनाव को खुद से दूर रखना चाहिए। सकारात्मक सोच रखने से महिला अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। साथ ही शिशु भी स्वस्थ्य होगा, उसका विकास भी अच्छी तरह होगा।

ये बातें सोमवार को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर संसदीय क्षेत्र में संचालित सुपोषित मां अभियान के तहत आईएमए की वूमन विंग की ओर से गर्भवती महिलाओं के लिए “मानसिक स्वास्थ्य एवम स्वस्थ जीवन शैली ” विषय पर आयोजित कार्यशाला में डॉ. मिथलेश खींची ने कही।

शिविर में डॉ. मीनू बिरला ने कहा कि हमारी अगली पीढ़ी हमारा भविष्य है, कल को सुरक्षित रखने के लिए हमें आज पर ध्यान देना आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सामान्य दिनों को अपेक्षा अधिक पोषण की आवश्यकता होती है, इसलिए वे इन 9 महीनों में जितना अधिक अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेगी उसका फायदा शिशु को भी मिलेगा। कार्यशाला को आईएमए वूमेन विंग की अध्यक्ष डॉ. अलका माथुर, डॉ. मंजू गोयल, डॉ. सुचित्रा ने भी संबोधित किया।

पोषण किट वितरित किए
अभियान के तहत सोमवार को श्रीनाथपुरम व केशवपुरा क्षेत्र में आयोजित शिविर में महिलाओं को पोषण किट का वितरण किया गया। पूर्व में चयनित गर्भवतियों को स्वास्थ्य कार्ड की सहायता से डॉक्टर्स द्वारा स्वास्थ्य जांच के उपरांत सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किट उपलब्ध करवाए गए साथ ही गर्भावस्था के दौरान रखने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी। इस दौरान अल्प आय वर्ग परिवारों की ऐसी महिलाएं जिनमें पोषण की कमी हैं, उन्हें अभियान से जोड़ा गया। शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप शर्मा, पार्षद नंदकंवर हाड़ा, लक्ष्मी मेहरा, हेम सिंह हाड़ा, कविता पचवारिया, प्रतिभा गौतम, रेखा गोस्वामी, महेश गौतम, स्वदेश दाधीच, देवेन्द्र शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, कोमल महावर आदि मौजूद रहे।