विश्व बैंक ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया, महंगाई का दबाव कम होने की उम्मीद

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नई दिल्ली। विश्व बैंक ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। मुख्य रूप से निवेश में वृद्धि को देखते हुए ऐसा किया गया है।

अपने ताजा छमाही दक्षिण एशिया विकास अनुमान में बहुपक्षीय कर्जदाता ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 7.5 प्रतिशत कर दिया है, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा लगाए गए 7.6 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से कम है।

अप्रैल के अपडेटेड नोट में कहा गया है, ‘दक्षिण एशिया की वृद्धि का परिदृश्य पहले की रिपोर्ट की तुलना में 2024 के लिए 0.4 प्रतिशत अंक अधिक और 2024 के लिए 0.3 प्रतिशत अंक अधिक रहने का अनुमान लगाया गया है। यह भारत में निवेश वृद्धि अधिक होने और पाकिस्तान व श्रीलंका में पिछले साल की मंदी से कुछ हद तक संभावित तेजी को दिखाता है। भारत में 2024-25 के दौरान वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है, बाद में इसमें तेजी आएगी क्योंकि सार्वजनिक निवेश में तेजी का प्रतिफल मिलने लगेगा।’

भारत में सेवा और उद्योग में वृद्धि तेज बनी रहने की संभावना है। इसे बाद में निर्माण व रियल एस्टेट गतिविधियों का सहारा मिलेगा, जबकि महंगाई का दबाव कम होने की उम्मीद है। इससे वित्तीय स्थिति बेहतर करने के लिए नीतिगत फैसले लेने की जगह बनेगी।

नोट में कहा गया है कि मध्यावधि के हिसाब से देखें तो सरकार का कर्ज व राजकोषीय घाटा कम होने का अनुमान है, इसे तेज आउटपुट वृद्धि व केंद्र सरकार की समेकन की कवायदों से सहारा मिलेगा।

भारत की वृद्धि में तेजी निकट अवधि के हिसाब से सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश पर निर्भर है, जहां निजी क्षेत्र का निवेश खासकर कमजोरबना हुआ है। इसमें आगाह किया गया है कि बढ़े हुए कर्ज, उधारी की लागत और राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने के प्रयास का असर वृद्धि पर पड़ेगा और इससे जलवायु परिवर्तन पर सरकार की प्रतिक्रिया देने की क्षमता पर असर पड़ेगा।