वायदा बाजार में गिरावट से हल्दी के भाव मंदे, जीरा के भाव में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली । हल्दी के भाव सोमवार को मंदे के साथ बोले गए। हालांकि इरोड मंडी के अलावा नांदेड, शामली में अवकाश रहा। जबकि निजामाबाद मंडी में आवक 20 हजार बोरी की रही और भाव दबे रहे।

बसमतनगर मंडी में आवक आशानुरूप न होने के कारण भाव अपने पूर्व स्तर पर बोले गए। बसमत में आवक 4500 बोरी की रही। वायदा बाजार में गिरते भावों के कारण दिल्ली बाजार में हल्दी सिंगल पोलिश गठ्ठा का भाव 200/300 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोला गया। लेकिन व्यापार सीमित रहा।

वायदा बाजार में हल्दी अप्रैल का भाव 638 रुपए एवं जून का भाव 608 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ तो सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में निर्यातकों के अलावा लोकल स्टाकिस्टों की मांग भी कमजोर चल रही है।

आगामी दिनों में जैसे ही मांग में वृद्धि होगी हल्दी की कीमतों में अवश्य ही तेजी आएगी। क्योंकि इस वर्ष देश में हल्दी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहेगा। सूत्रों का मानना है कि गत वर्ष जहां देश में हल्दी की पैदावार 85/90 लाख बोरी की रही थी वह इस वर्ष घटकर 45/50 लाख बोरी तक ही सिमट जाएगी।

जीरे के भाव भी नरम : जीरे की प्रमुख उत्पादक मंडियों में आज भी अवकाश रहा। लेकिन वायदा के मंदे समाचारों के चलते दिल्ली बाजार में जीरे के भाव 400/500 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए। निर्यात का भाव भी शाम को मंदे के साथ बोला गया।

उल्लेखनीय कि आज सवेरे जीरे का निर्यात भाव 4900 रुपए प्रति 20 किलो बोला गया जोकि शाम को घटकर 4850 रुपए बोला जाने लगा। वायदा बाजार में भी अप्रैल जीरा 100 रुपए एवं मई का भाव 330 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ।

बाजार सूत्रों का कहना है कि अभी जीरा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि एक सप्ताह के अवकाश के पश्चात कल गुजरात एवं राजस्थान की मंडियों में व्यापार सुचारु रूप से शुरू होगा और आवक का दबाव भी बनेगा। जिस का असर कीमतों पर मंदे का रहेगा।