लॉकडाउन/ कोटा से 100 किमी दूर अपने गांव पैदल ही चल दिए मजदूर

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-रफ़ीक़ पठान
कोटा।
21 दिन के लॉकडाउन के चलते शहर में रहकर मजदूरी कर रहे बारां जिले के समरानियां गांव के आसपास के कई मजदूर गुरुवार को 100 किमी दूर अपने गांव के लिए पैदल ही रवाना हो गए। कांधे पर बैग लटकाए व सिर पर सामानों की गठरी रखकर दर्जनों मजदूर अपने घर के लिए रवाना हुए।

भीमा, गणेश, संतरा, मांगी बाई सहित दर्जनों यह मजदूर अपने घर समरानिया के पास जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल ही चल दिए। पूछने पर बताया कि वह कोटा में रोज की दिहाड़ी मजदूरी करते थे। 21 दिन के लॉकडाउन के चलते उनकी मजदूरी बंद हो गई। दो-तीन दिन तो जैसे-तैसे खाने का गुजारा चला लिया। मगर अब खाने के लिए जब सामग्री खत्म होने लगी तो इन लोगों ने पैदल ही घर पहुंचने का निर्णय किया।

क्योंकि घर तक पहुंचने के लिए इन्हें किसी भी तरह का साधन उपलब्ध नहीं हुआ। यह अपने घर तक तीन-चार दिन में पहुंचेंगे। ऐसे में इनके पास रास्ते में खाने के लिए भी कुछ सामग्री नहीं थी। उन्होंने बताया कि कल से ही हमारे इलाके के लोग इसी तरह पैदल गांव के लिए निकल चुके हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह जो मजदूर शहर में या आसपास बसे हुए हैं, उन्हें अपने घर तक पहुंचाने के लिए किसी तरह का इंतजाम करना चाहिए।

छात्रों को भोजन के पैकेट देते नयापुरा सीआई और राजेंद्र सांखला।

छात्रों को भोजन के पैकेट वितरित
स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल के आह्वान के बाद हाड़ौती विकास मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष राजेंद्र सांखला के नेतृत्व में नयापुरा में जुबली हॉस्टल के छात्रों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए।

कोटा की सड़कों को सेनेटाइज करती फायर ब्रिगेड। (सभी फोटो रफीक पठान)