लिवाली सीमित रहने से धनिया और जीरा की कीमतों में गिरावट

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नई दिल्ली। धनिया की कीमतों में सोमवार को गिरावट रही। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर नए धनिया की आवक बढ़नी शुरू हो गई है। जबकि वायदा के मंदे समाचारों के कारण हाजिर में लिवाली सीमित रह गई है।

प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की गोंडल मंडी में नए धनिया की आवक बढ़कर 10000 बोरी, राजकोट 2200 बोरी की हो गई है और भाव 100/125 रुपए मंदे के साथ बोले गए।

मध्य प्रदेश की कुम्भराज, मंदसौर मंडी में भी आवक बढ़ने लगी है। भाव भी 100/200 रुपए मंदे के साथ बोले गए वायदा बाजार में आज अप्रैल का धनिया 200 रुपए एवं मई का 194 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है।

चालू सीजन के दौरान हालांकि धनिया का उत्पादन कम रहेगा। लेकिन बकाया स्टॉक अधिक एवं नई आवक के कारण अभी भाव सीमित दायरे में बने रहेंगे। लेकिन भविष्य में अच्छी तेजी आने की संभावना है।

जीरा की कीमतों में मंदा रहा: प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में नए जीरे की दैनिक आवक बढ़ने लगी है। प्रमुख मंडी ऊंझा में नए जीरे की आवक बढ़कर 5000 बोरी की हो गई है।

जबकि राजकोट में आवक 1700 बोरी एवं गोंडल में 3000/3200 बोरी की आवक होने लगी है। नए मालों की बढ़ती आवक एवं वायदा के मंदे समाचारों से मंडियों में जीरे के भाव 500/700 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए हैं। वायदा बाजार में मार्च माह का जीरा 705 रुपए एवं अप्रैल का 90 रुपए मंदे भावों पर बंद हुआ है।

चालू सीजन के दौरान देश में जीरा का उत्पादन अधिक होने के कारण जीरा कीमतों में मंदे का दौर बना हुआ है। गत दिनों उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर जीरे के भाव 620/670 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे जोकि वर्तमान में घटकर 330/350 रुपए पर आ गए हैं।

गोंडल के एक व्यापारी ने बताया कि वर्तमान में साक क्वालिटी का भाव 325 रुपए प्रति किलो का चल रहा है जबकि फरवरी अंत का 300 रुपए एवं मार्च के प्रथम पखवाड़े का व्यापार 275 रुपए प्रति किलो का हो रहा है।

अगाऊ सौदे नीचे भावों पर होने के कारण संभावना व्यक्त की जा रही है कि आगामी दिनों में जीरे का भाव 250/260 रुपए बन जाना चाहिए। क्योंकि मार्च माह में राजस्थान की मंडियों में भी नए जीरे की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी।