रिजर्व बैंक फिर से कर सकता है रेपो रेट में कटौती, 6 जून को होगा फैसला

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नई दिल्ली।पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से दरों में कटौती का फिर से ऐलान किया जा सकता है। आरबीआई की द्विमासिक नीति की घोषणा 6 जून 2019 को होगी।

रिजर्व बैंक की तरफ से दरों में कटौती से बैंकों को कर्ज पर लगने वाली ब्याज दरों में कटौती करने में सहूलियत हो जाती है जिससे आम लोगों को सस्ती दरों पर कर्ज मिल जाते हैं। औद्योगिक जगत की तरफ से सस्ती दरों पर कर्ज की मांग की जा रही है। वहीं, नई सरकार मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए निर्माण की लागत को कम करना चाहती है। ऐसे में, 6 जून को आरबीआई की तरफ से दरों में कटौती की संभावना दिख रही है।

नई सरकार पर काफी कुछ था निर्भर
दरअसल आरबीआई देश में नई सरकार बनने का इंतजार कर रही थी और मौद्रिक नीति की अनिश्चितताओं में से एक राजकोषीय घाटा था। क्योंकि अगर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में आती, तो संभव था कि आगामी बजट सेशन में न्याय स्कीम का ऐलान होता। ऐसे में शायद आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती करना संभव न हो पाता। बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले न्याय स्कीम का ऐलान किया था, जिसके तहत देश के गरीब लोगों को न्यूनतम 72 हजार रुपए सालाना दिए जाने थे।

ब्याज दरों को बनाया जाएगा लचीला
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक नीति के बारे में संकेत दिया है कि वो मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के सारे प्रयासों की हर संभव कोशिश करेंगे। इसके लिए इंटरेस्ट रेट को ज्यादा लचीला बनाया जाएगा। हालांकि आरबीआई की तरफ से प्राप्त संकेत के मुताबिक अब तक ब्याज दरों में होने वाली कटौती की दरें 25 आधार अंक की होती थी या फिर 50 आधार अंक की जो कि इस बार 35 या 30 आधार अंक की भी हो सकती है।

अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलने की उम्मीद
अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा ने कहा कि देश के ज्यादातर अर्थशास्त्री का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी और महंगाई को कंट्रोल में रखा जा सकेगा। इस साल महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे रहने की संभावना है।

वहीं ग्रोथ रेट हमारी उम्मीद से नीचे चल रही है। इंडिया रेटिंग की एक रिपोर्ट में कहा गया कि चुनाव बाद लिक्विडिटी में सुधार होगा, जबक पैसा वापस से बैंक में आएगा। बता दें कि आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल महीने के दौरान रेपो रेट में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी।