बिटक्वाइन ट्रेडिंग पर सरकार लगा सकती है 18 फीसदी GST

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नई दिल्ली। सरकार बिटक्वाइन ट्रेडिंग पर 18 फीसदी गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगाने पर विचार कर रही है। बिटक्वाइन कारोबार करीब सालाना 40 हजार करोड़ रुपये आंका गया है। वित्त मंत्रालय की शाखा केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (CEIB) ने इस प्रस्ताव को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के समक्ष रखा है। सरकार को बिटक्वाइन की ट्रेडिंग से सालाना 7,200 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) में रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी है। मोटे मुनाफे के कारण बड़े निवेशक इसमें निवेश कर रहे हैं। गुरुवार को पहली बार बिटक्वाइन 23000 डॉलर के पार पहुंच गया। इस साल बिटक्वाइन में 220 फीसदी की तेजी आ चुकी है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक गुरुवार को बिटक्वाइन की कीमतों में 9 फीसदी की तेजी आई और कीमत 23,256 डॉलर पहुंच गई। बिटक्वाइन और ब्लूमबर्ग गैलेक्स क्रिप्टो इंडेक्स इस साल तीन गुना हो चुके हैं।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी यानी बिटक्वाइन?
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।

ऐसे होती है बिटक्वाइन में ट्रेडिंग
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है। इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल होने वाली करंसी है। बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं है जिसके कारण इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी तेजी से होता है।