प्राइसवार के कारण कच्चा तेल 17 साल के निचले स्तर पर बरकरार

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नई दिल्ली। कच्चे तेल (क्रूड) में एशियाई कारोबार में सोमवार को गिरावट जारी रही और कोरोनावायरस के अंतरराष्ट्रीय संक्रमण में बढ़ोतरी व प्राइस वार के कारण यह 17 साल के निचले स्तर पर पड़ा हुआ है। प्रमुख अमेरिकी क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) 5.3 फीसदी गिरकर 20 डॉलर प्रति बैरल पर अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 6.5 फीसदी गिरावट के साथ 23 डॉलर पर ट्र्रेड कर रहा था। कोरोनावायरस से दुनियाभर में मरने वालों की संख्या 30 हजार को पार कर गई है और अमेरिका व यूरोप में संक्रमण घटने का नाम नहीं ले रहा है।

भारतीय कमोडिटी बाजार में क्रूड 4 फीसदी से ज्यादा लुढ़का
दोपहर बाद करीब तीन बजे के कारोबार में भारतीय कमोडिटी बाजार एमसीएक्स में क्रूड ऑयल टॉप लूजर था। एमसीएक्स पर क्रूड का 20 अप्रैल का वायदा भाव 4.47 फीसदी गिरावट के साथ 1,623 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। एक बैरल 159 लीटर का होता है।

मांग में गिरावट और प्राइस वार के कारण औंधे मुंह गिरा है क्रूड
कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन चल रहा है और ट्र्रैवल पर रोक लगा दी गई है। इससे क्रूड की मांग में भारी गिरावट आई है। इसके कारण कच्चे तेल में कई सप्ताह से गिरावट चल रही है। एक ओर जहां मांग घट गई है, वहीं दूसरी ओर बाजार में तेल की आपूर्ति काफी बढ़ गई है।

तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस के बीच तेल उत्पादन कम करने संबंधी वार्ता टूटने के कारण सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार शुरू हो गया है। इसके कारण तेल की कीमत में और गिरावट आई है। प्राइस वार खत्म होने का कोई संकेत भी नहीं मिल रहा। सप्ताहांत में रूस के उप ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 25 डॉलर प्रति बैरल की कीमत रूस की तेल उत्पादन कंपपनियों के लिए कोई बड़ा संकट नहीं है।