प्याज की जमाखोरी पर सरकार सख्त, स्टॉक सीमा और घटाई

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नई दिल्ली। प्याज की जमाखोरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार ने अब प्याज की स्टॉक सीमा को और घटा दिया है। इसमें थोक व्यापारियों के साथ खुदरा व्यापारियों पर शिकंजा कस दिया गया है, ताकि प्याज को महंगा कर बेचने वालों पर नियंत्रण किया जा सके।

इस नई स्टॉक सीमा को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश भेजा है। हालांकि स्टॉक सीमा का यह प्रावधान प्याज के आयातकों पर लागू नहीं होगी। थोक व्यापारियों को अब मात्र 25 टन प्याज रखने की सीमा तय की गई है, जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए पांच टन की सीमा निर्धारित की गई है।

दरअसल, इसके पहले तक यह स्टॉक सीमा थोक व्यापारियों को लिए 50 टन थी जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए 10 टन निर्धारित की गई है। यह फैसला केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने किया है, जिसकी सूचना सभी राज्यों को तत्काल प्रभाव से भेज दी गई है।

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी की सोमवार को बैठक में यह फैसला किया गया था। गाबा ने प्याज उत्पादक सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से सीधी बातचीत की थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

प्याज के मूल्य में लगातार तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने और सख्त कदम उठाने शुरु कर दिये हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज के मूल्य एक सौ रुपये किलो तक पहुंच गये हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने कई उपाय पहले ही कर रखे हैं, जिनमें प्याज आयात की खुली छूट और निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। प्याज आयात की शर्तो में ढील भी दी गई है, ताकि समय से प्याज का आयात हो सके।