पिछले साल से पैदावार अधिक होने से वैश्विक बाजार में गेहूं के भावों में तेजी की संभावना कम

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लंदन। इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में दुनिया के प्रमुख निर्यातक देशों में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 39.20 करोड़ टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन से 80 लाख टन ज्यादा है। इसके तहत खासकर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया में उत्पादन ज्यादा बढ़ने की सम्भावना है।

गेहूं के प्रमुख निर्यातक देशों में रूस, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, अर्जेंटीना तथा काला सागर क्षेत्र के कुछ देश शामिल हैं। ध्यान देने वाली बात है कि दुनिया में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन चीन तथा भारत में होता है मगर ये देश निर्यातकों की सूची में शामिल नहीं है।

आईजीसी का कहना है कि 2024-25 के सीजन में विश्व स्तर पर गेहूं का निर्यात योग्य स्टॉक बढेगा जिससे प्रमुख निर्यातक देशों के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा रहेगी और इसलिए कीमतों में भारी तेजी नहीं आएगी। आयातक देशों के पास ज्यादा विकल्प रहेगा।

आईजीसी ने प्रमुख निर्यातक देशों में 2023-24 सीजन के अंत में 610 लाख टन गेहूं का अधिशेष स्टॉक रहने की सम्भावना व्यक्त करते हुए 2024-25 सीजन की समाप्ति पर यह 20 लाख टन घटकर 590 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है।

व्यापर विश्लेषकों के अनुसार गेहूं का स्टोक कुछ हद तक जटिल स्थिति में रहेगा लेकिन बाजार लम्बे से नरमी की फिराफ्त में हैं जबकि अगला उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं। ऐसी हालत में निकट भविष्य में गेहूं के दाम में ज्यादा तेजी आना सम्भावना नहीं लगता है।

प्रमुख आयातक देश गेहूं खरीदने में जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं। चीन ने अमरीका तथा ऑस्ट्रेलिया से कुछ सौदे कैंसिल कर दिए हैं जो ऊंचे दाम पर हुए थे। इससे अन्य देश भी सावधान हो गये हैं। भारत अभी गेहूं के आयात-निर्यात में न्यूट्रल बना हुआ है जबकि नई फसल की कटाई-तैयारी भी शुरू हो गयी है।