निर्भया केस/ दोषी अक्षय की दया याचिका भी खारिज, सभी कानूनी विकल्प खत्म

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया केस के तीसरे दोषी अक्षय ठाकुर की दया याचिका भी खारिज कर दी है। इसके साथ ही मुकेश के साथ-साथ अक्षय के पास भी कानूनी उपचारों के सारे विकल्प खत्म हो चुके हैं। राष्ट्रपति इससे पहले निर्भया के दो और गुनहगारों, मुकेश कुमार सिंह और विनय शर्मा के मर्सी पिटिशन भी खारिज कर चुके हैं। अब एकमात्र दोषी पवन गुप्ता के पास राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाने का विकल्प बचा हुआ है। उसके पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने का विकल्प भी बचा है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार देर शाम को जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने निर्भया केस के तीसरे दोषी अक्षय ठाकुर की क्षमा दान याचिका खारिज कर दी है। उसने कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति से फांसी की सजा से बचाने की गुहार लगाई थी। एक अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है।’

राष्ट्रपति के पास सबसे पहले दया याचिका खारिज करने वाले मुकेश ने याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखाया था, लेकिन उसे वहां से भी राहत नहीं मिली थी। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ हुई बर्बरता की घटना के चारों दोषियों के खिलाफ दो बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है, लेकिन फांसी की सजा टालने के लिए चारों बारी-बारी से कानूनी उपचारों का इस्तेमाल कर रहा है। इस मकसद में उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 फरवरी को फंसी पर लटकाने के लिए खुद के जारी दूसरे डेथ वॉरंट पर भी रोक लगा दी। इसके खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाई कोर्ट ने भी दोषियों को सात दिनों की मोहलत दे दी। अब केंद्र और दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है।