नकदी बढ़ाने के लिए RBI एक लाख करोड़ का लांग टर्म रेपो ऑपरेशन लाएगा

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस के देश की इकोनॉमी पर होने वाले संभावित असर और इसके चलते शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को प्रेस-कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि बाजार में नकदी बढ़ाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का एलटीआरओ (लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन) आएगा। यह एलटीआरओ जून में आएगा।

इसके अलावा 23 मार्च को भी आरबीआई दो अरब डॉलर के स्वैप को अंजाम देगा। इसके तहत आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। आरबीआई ने रुपए को संभालने के लिए सोमवार को भी 2.06 अरब डॉलर मूल्य की अमेरिकी मुद्रा बेची।

ब्याज दर में फिलहाल कटौती नहीं
बाजार की उम्मीदों के विपरीत उन्होंने मुख्य ब्याज दर में कटौती की कोई घोषणा नहीं की। विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों की ओर से मुख्य ब्याज दर में हो रही कटौती को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था कि आरबीआई भी बाजार को राहत देने के लिए अपनी मुख्य ब्याज दर में कटौती करेगा।

ब्याज दर में कटौती के मुद्दे पर गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कानून के मुताबिक ब्याज दर में कटौती का फैसला मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) करती है। लेकिन वह अपनी ओर से कुछ भी खारिज नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमपीसी की अगली बैठक में यदि जरूरी हुआ तो ब्याज दर में कटौती सहित अन्य कदमों की घोषणा भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास कई पॉलीसी उपकरण हैं और वह कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कोरोना वायरस का संक्रमण मानव विपदा
कोरोनावायरस को लेकर दास ने कहा कि कोरोनावायरस में आ रही तेजी मानव विपदा बन रही है। अब भारत भी कोरोनावायरस से अछूता नहीं है। इसके चलते भारती की जीडीपी ग्रोथ पर भी असर होना तय है। एमपीसी में कोरोना के असर का ध्यान रखा जाएगा। कोरोना से बचाव के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कोरोना वायरस के असर का आकलन करने की सलाह
इस बीच आरबीआई ने एक अधिसूचना के जरिए सभी बैंकों, शहरी कॉपरेटिव बैंकों, एनबीएफसी, पेमेंट और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सलाह दी है कि वे अपने बैलेंस शीट, संपत्ति गुणवत्ता, नकदी व अन्य पर कोरोना वायरस के असर का आकलन करें।

आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों से कहा कि वे अपने ग्राहकों को जहां तक संभव हो डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों से कहा कि वे कोरोना वायरस के असर से निपटने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन कर सकते हैं। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है।

यस बैंक के जमाकर्ता 18 मार्च की शाम से निकाल सकते पैसा
आरबीआई ने कहा कि यस बैंक के जमाकर्ता 18 मार्च की शाम से पैसे की निकासी कर सकते हैं। आरबीआई के गवर्नर ने यस बैंक को लेकर कहा कि यस बैंक की पहचान एक निजी बैंक के रूप में बनी रहेगी। यस बैंक में ग्राहकों का जमा पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। बैंक का जो पुनर्गठन किया जा रहा है उस पर पूरा भरोसा किया जा सकता है। इसका नया बोर्ड 26 मार्च को चार्ज लेगा। 18 मार्च तक यस बैंक का मोराटोरियम पीरियड खत्म होगा। राज्य सरकारों को यस बैंक से पैसा निकालने की जरुरत नहीं। प्राइवेट सेक्टर के बैंक की सेहत अच्छी है। यस बैंक को जरूरत के हिसाब से नकदी उपलब्ध कराई जाएगी। गवर्नर ने कहा कि यस बैंक के संकट और कोरोना वायरस महामारी के असर के बावजूद भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत हालत में है।