नए जीरे की आवक बढ़ने से वायदा एवं हाजिर भावों में गिरावट

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कोचीन में कालीमिर्च के भाव 550 से 560 रुपए पर आए

नई दिल्ली। जीरा की कीमतों में मंगलवार को गिरावट रही। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में नए जीरे की आवक बढ़नी शुरू हो गई है। गुजरात की प्रमुख मंडी ऊंझा में नए जीरे की आवक बढ़कर 7000 बोरी की हो गई है।

जबकि गोंडल में आवक 4000 बोरी की रही। हाजिर में कमजोर मांग एवं वायदा के मंदे समाचार मिलने के कारण मंडियों में जीरा के भाव 500/700 रुपए मंदे के साथ बोले गए। वायदा बाजार में मार्च का जीरा 900 रुपए एवं अप्रैल का 940 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि अधिक उत्पादन के कारण हाल-फिलहाल जीरा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि मार्च माह में जीरा का भाव 250/260 रुपए बन जाना चाहिए जबकि वर्तमान में मंडियों में भाव 310/320 रुपए चल रहा है।

सूत्रों का मानना है कि प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में इस वर्ष जीरा उत्पादन एक करोड़ बोरी के आसपास हो जाना चाहिए जबकि गत वर्ष उत्पादन 55/58 लाख बोरी के होने के अनुमान लगाए गये थे।

लेनदेन न्यूज़ का अनुमान सही साबित हुआ
चालू सीजन के दौरान देश में कालीमिर्च का उत्पादन अधिक होने के कारण कालीमिर्च में गिरावट का दौर चल रहा है। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में कालीमिर्च का उत्पादन 70/72 हजार टन होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 60/62 हजार टन का रहा था।

हालांकि प्रतिकूल मौसम के चलते इस वर्ष उत्पादक राज्यों में कालीमिर्च की आवक लगभग 20/25 दिन देरी से शुरू हुई है। वर्तमान में मंडियों में नए मालों की आवक अच्छी चल रही है जबकि हाजिर में लिवाल कम है।

हमने www.lendennews-ee4f51.ingress-erytho.ewp.live पर फरवरी माह में कालीमिर्च के भाव 550/560 रुपए आने का अनुमान जताया था, उस समय कोचीन बाजार में भाव 590/600 रुपए चल रहा था।

आज कोचीन बाजार में कालीमिर्च का भाव घटकर 550/560 रुपए पर आ गया है। सूत्रों का कहना है कि अधिक पैदावार के कारण अभी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।