दिल्ली बाजार/ सोयाबीन, सीपीओ, सरसों, पामोलीन और सूरजमुखी तेल में सुधार

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नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और डॉलर के मजबूत होने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सूरजमुखी, सोयाबीन, सीपीओ और पामोलीन तेल के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया, जबकि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सालाना 20-20 लाख टन के शुल्क-मुक्त आयात की छूट दिए जाने के बाद बाजार में कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) की स्थिति पैदा होने से मंगलवार को सूरजमुखी, सोयाबीन, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार देखने को मिला। इस तेजी का असर बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भी हुआ।

सूत्रों ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान जैसी जगहों के आयातक पहले से ही परेशान थे, जिन्हें लगभग 2,150 डॉलर प्रति टन के भाव आयातित तेल को आधे से भी कम दाम में तब बेचना पड़ा जब इसके आयात का भाव लगभग 900 डॉलर प्रति टन रह गया। इसके साथ डॉलर के मजबूत होने के बाद आयातकों को अधिक रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। आयातक इस दोहरी मार से त्रस्त हैं।

सूत्रों ने कहा कि सरकार के शुल्कमुक्त खाद्य तेलों के आयात का कोटा निर्धारित करने के फैसले के बाद बाकी आयातकों ने नये सौदे खरीदने से हाथ खींच लिया। निर्धारित कोटा से अलग आयात करने पर इन आयातकों को आयात शुल्क अदा करने के बाद उनका महंगा तेल बाजार में खपना आसान नहीं रह जायेगा क्योंकि बाजार भाव सस्ते आयातित तेलों के हिसाब से तय होने लगेगा। ऐसे में नये सौदे नहीं होने से बाजार में भारी शॉर्ट सप्लाई की स्थिति बन गई है जिससे तेल कीमतों में मजबूती आई है।

सूत्रों ने कहा कि दिवाली के मौके पर गुजरात में सप्ताह भर बाजार के बंद रहने की वजह से लिवाल नदारद हैं जिस कारण मूंगफली तेल-तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। बाजार बंद होने से बिनौला तेल के भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए। सुधार के आम रुख के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार दर्ज हुआ।

बाजार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज सोमवार की रात लगभग 1.5 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां सामान्य कारोबारी रुख है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में 0.7 प्रतिशत का सुधार है। सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन तेल खली की निर्यात मांग बढ़ने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया। तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,125-7,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली – 6,870-6,935 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,000 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,560-2,820 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,800 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,265-2,395 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,335-2,450 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,800-20,500 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 9,120 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,750 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,820 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना – 5,310-5,360 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज 5,110-5,160 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।