डिजिटल फेसलेस व्यवस्था में ओरिजिनल दस्तावेजों की जांच करना जरूरी

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कोटा। टैक्स बार एसोसिएशन कोटा की ओर से शनिवार को एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें इनकम टैक्स और जीएसटी पर सत्र आयोजित किये गए। टैक्स बार एसोसिएशन कोटा के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने कहा कि टैक्स प्रोफेशनल को वर्तमान डिजिटल फैसलेस व्यवस्था में कर निर्धारण अधिकारी के समक्ष कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने से पहले उसके ओरिजिनल होने की जांच कर लेनी चाहिए। अन्यथा उसके जाली होने पर टैक्स प्रोफेशनल पर इसकी जिम्मेदारी आ जाती है, जिससे कई तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले समय में हर प्रोफेशनल को अपने आप को नई तकनीक के लिए अपडेट करना होगा, अन्यथा फेसलेस व्यवस्था में काम करना असंभव हो जाएगा।

सभी ट्रस्टों का 12A और 80G का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च को समाप्त
जयपुर से आए स्पीकर सीए रघुवीर सिंह पूनिया ने कहा कि 31 मार्च 2021 को सभी चैरिटेबल ट्रस्ट के 12A और 80G के रजिस्ट्रेशन समाप्त हो जाएंगे। उनको 30 जून तक दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पड़ेंगे। जो 5 साल के लिए मान्य होंगे। उसके बाद पुनः इस प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। सभी ट्रस्ट को अपनी आय और व्यय का सही विवरण प्रस्तुत करना होगा। जरा सी चूक पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा डिमांड निकाल दी जाएगी। उन्होंने कहा कि धारा 148 के तहत 31 मार्च तक पिछले 6 वर्षों के असेसमेंट रिओपन के नोटिस तेजी से आएंगे। इसलिए सही तरीके से अपने रिटर्न को दाखिल करना चाहिए। रिटर्न पहले से भरा हुआ है तो उसका जवाब देना चाहिए।

जीएसटी के नए नियमों से भ्रष्टाचार बढ़ेगा
जीएसटी पर अपना पेपर प्रस्तुत करते हुए जयपुर से आए सीए उज्जवल शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों आम बजट में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के नियमों में हुए बदलाव के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा गलत धाराओं में दिए गए नोटिस के लिए विभाग के अधिकारियों को जवाब देकर उसकी कॉपी उच्च अधिकारियों को देनी चाहिए। जिससे उनकी गलत कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लग सकेगी। विभिन्न न्यायालय के निर्णय के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक करने का अधिकार कर निर्धारण अधिकारी गलत तरीके से करते हैं। इसके लिए उन्हें जवाबदेही बनाया जाना चाहिए। किसी भी व्यापारिक परिसर में बिना अनुमति के कोई जीएसटी अधिकारी नहीं जा सकता। अगर जाता है तो बनाए हुए पंचनामा में इस बात का उल्लेख करना चाहिए कि उनको उस परिसर में आने के लिए सभी नियमों का पालन किया गया है।

जहां पब्लिक का पैसा लगा हो, उसकी ऑडिट जरूरी
जयपुर से आए सीए रोहित अग्रवाल ने कहा कि जहां पर भी पब्लिक का पैसा लगा है उस व्यापारिक संस्थान की इनकम टैक्स और जीएसटी ऑडिट होनी चाहिए। चाहे उसका टर्नओवर जीरो ही क्यों नहीं हो। इससे आर्थिक धोखाधड़ी पर लगाम लग सकेगी। कार्यक्रम का संचालन टैक्स बार एसोसिएशन के सचिव सीए लोकेश माहेश्वरी स्टडी सर्किल चेयरमैन इनकम टैक्स सीए नीरज जैन, जीएसटी चेयरमैन एडवोकेट ओम बड़ोदिया ने किया। सेमिनार में बड़ी संख्या में कर विशेषज्ञ उपस्थित रहे।