जैसा अन्न ग्रहण करोगे, वैसे ही होंगे आपके विचार: घनश्यामाचार्य महाराज

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कोटा। श्री झालरिया पीठाधिपति स्वामीजी घनश्यामाचार्य महाराज के तीन दिवसीय कोटा प्रवास के दौरान शनिवार को इन्द्रविहार स्थित संतनिवास में प्रातः दर्शन एवं आरती अर्चना हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

शनिवार को संत निवास में आरती-अर्चना व दर्शन के बाद महाराज ने कहा कि मनुष्य को हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि आप जैसा भोजन ग्रहण करोगे, वैसे ही आपके विचार होंगे और आप वैसे ही कर्म होंगे। सात्विक भोजन ग्रहण करोगे तो आपके विचार निर्मल होंगे जबकि दूषित भोजन, मांसाहार तामसिक भोजन से आपके विचार दूषित होंगे।

उन्होने कहा कि मनुष्य जीवन में संस्कार होना बहुत जरूरी है। क्योंकि जिस तरह से हम किसी भी अन्न को खाने से पहले धोकर संस्कारित करते हैं और फिर ग्रहण करते हैं। ठीक उसी तरह हमें भी संस्कारित होना चाहिए। माता-पिता का कर्त्तव्य है कि वे अपने बच्चों को संस्कारित होने की शिक्षा दें।

इस अवसर पर एलन परिवार की मातुश्री कृष्णादेवी माहेश्वरी, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी एवं बृजेश माहेश्वरी भी मौजूद रहे। दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त संत निवास पहुंचे।