छा गई डिजिटल करेंसी, पहले ही दिन हुए 275 करोड़ रुपये के 50 ट्रांजैक्शन

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नई दिल्ली। आरबीआई (RBI) की डिजिटल करेंसी यानी वर्चुअल मनी की पहले ही दिन कई करीब 50 ट्रांजैक्शन हुए। इनकी कुल वैल्यू 275 करोड़ रुपये है। सूत्रों के मुताबिक एसबीआई (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने सरकारी बॉन्ड के सेटलमेंट के लिए सीबीडीसी का पहले-पहल इस्तेमाल किया।

आरबीआई ने कल से अपनी डिजिटल करेंसी- डिजिटल रुपी (होलसेल सेगमेंट) का पहला पायलट परीक्षण शुरू किया। इसमें नौ बैंक हिस्सा ले रहे हैं। यह परीक्षण सरकारी प्रतिभूतियों (government securities) में लेनदेन के लिए जा रहा है।

इसमें हिस्सा लेने के लिए एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी को चुना गया है। सूत्रों के मुताबिक हर बैंक ने कम से कम चार से पांच डील सीबीडीसी में की।

बैंक ऑफ बड़ौदा के जनरल मैनेजर सुशांत मोहंती ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के उत्साहजनक नतीजे देखने को मिले हैं। हमारे बैंक ने एक शुरुआती डील में हिस्सा लिया। डिजिटल करेंसी को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

कैसे काम करती है यह: इसमें हिस्सा लेने वाले हर बैंक का एक डिजिटल करेंसी अकाउंट है जिसे सीबीडीसी अकाउंट (CBDC Account) नाम दिया गया है। इसे आरबीआई मेनटेन कर रहा है। बैंकों को पहले अपने अकाउंट्स से इस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने होंगे। अगर एक्स बैंक किसी वाई बैंक से बॉन्ड्स खरीद रहा है तो एक्स बैंक के सीबीडीसी बैंक से डेबिट होगा और वाई बैंक के उसी अकाउंट में क्रेडिट होगा। इसमें उसी दिन डिजिटल सेटलमेंट होगा।

दायरा बढ़ेगा: इसमें हिस्सा ले रहे एक बैंक के ट्रेडर ने कहा कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो आरबीआई दूसरे होलसेल ट्रांजैक्शंस में भी सीबीडीसी के इस्तेमाल का दायरा बढ़ा सकता है। सूत्रों के मुताबिक अभी क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे विकसित होने में समय लगेगा। रिटेल ट्रांजैक्शन में सीबीडीसी के इस्तेमाल से जुड़ा पायलट प्रोजेक्ट बाद में शुरू किया जा सकता है।