छत्तीसगढ़ 68 और एमपी में 71 फीसदी से ज्यादा मतदान, हिंसा में जवान शहीद

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भोपाल। MP Chhattisgarh Election: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान शाम छह बजे समाप्त हो गया। एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में मतदान 71.16 प्रतिशत जबकि छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के तहत 70 सीटों पर शाम 5 बजे तक 68.15 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया।

छत्तीसगढ़ में हिंसा की एक बड़ी घटना हुई जिसमें नक्सलियों के हमले में ITBP का एक जवान शहीद हो गया। नक्सलियों ने सूबे के गरियाबंद में IED ब्लास्ट को उस वक्त अंजाम दिया जब दूसरे चरण का मतदान संपन्न करा कर सुरक्षाकर्मी वापस लौट रहे थे।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के दूसरे एवं आखिरी चरण की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। शाम पांच बजे तक लगभग 68.15 फीसदी मतदान की खबर है। अंतिम आकंडे देर रात तक आएंगे। इससे मतदान प्रतिशत में और इजाफा होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण में 72 सीटों पर हुए मतदान में 76.62 फीसदी मतदान हुआ था। केन्द्र भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के शेराडांड में शत प्रतिशत मतदान हुआ।

इस दौरान नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बड़ेगोबरा गांव के करीब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में मतदान दल की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी के प्रधान आरक्षक जोगिंदर सिंह की मृत्यु हो गई।

वहीं एक अन्य घटना में मतदान के दौरान एक महिला की मृत्यु हो गई। कसडोल विधानसभा सीट के रिटर्निंग अधिकारी भूपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र के मल्दा ग्राम पंचायत के मतदान केंद्र क्रमांक 76 में सहोदरा बाई निषाद (58) मतदान के लिए कतार में खड़ी थी। उन्होंने बताया कि वह अपनी बारी का इंतजार कर रही थी तभी अचानक नीचे गिर पड़ी। मतदानकर्मियों की सहायता से परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एक अन्य घटना में कोरिया जिले के कोरिया वन मंडल के अंतर्गत खड़गवां वन परिक्षेत्र के मंगोरा गांव में मतदान करने जा रहे ग्रामीण उमेन्द्र सिंह (25) की जंगली हाथी के हमले में मृत्यु हो गई। उमेन्द्र जब घर से निकला तब गांव के करीब एक जंगली हाथी विचरण कर रहा था। हाथी को देखने बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जब सिंह वहां पहुंचा तब हाथी भीड़ की तरफ दौड़ा और सिंह को कुचलकर मार डाला।

शुरुआत में मतदान धीमा रहा, लेकिन समय बीतने के साथ ही मतदाता बड़ी संख्या में मतदान के लिए अपने घरों से निकलने लगे। बाद में मतदान केंद्रों के सामने लंबी कतारें देखी गईं। छत्तीसगढ़ में जिन प्रमुख लोगों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हुआ उसमें सीएम भूपेश बघेल (पाटन), उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (अम्बिकापुर), विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत (सक्ती), भाजपा के प्रदेश अरुण साव (लोरमी), जनता कांग्रेस की अध्यक्ष डा. रेणु जोगी (कोटा) और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर) मुख्य हैं।

छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में 827 पुरुष, 130 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार समेत कुल 958 प्रत्याशी हैं, जिनका चुनावी भाग्य EVM में बंद हो गया। दूसरे चरण के लिए कुल मतदाताओं में से 81,41,624 पुरुष, 81,72,171 महिलाएं और 684 लैंगिक रूप से तीसरे वर्ग के मतदाता थे। दूसरे चरण के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए थे। सूबे के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सीट सामान्य वर्ग की जबकि 17 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए और नौ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

वहीं मध्य प्रदेश में शाम पांच बजे तक कुल 71.16 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एमपी में चुनावी मैदान में 2,533 उम्मीदवार हैं, जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके पूर्ववर्ती और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जैसे राजनीतिक दिग्गज शामिल हैं। एमपी में शाम पांच बजे तक कुल 71.16 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एमपी में विधानसभा चुनाव शुक्रवार को एक ही चरण में संपन्न हो गया जबकि परिणाम तीन दिसंबर को मतगणना होगी। सूबे में 5.6 करोड़ से अधिक मतदाता हैं।