चुनाव में नेताओं को कचौरी-समोसे खिलाना पड़ेगा महंगा, देना होगा खर्चे का हिसाब

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जयपुर। Rajasthan vidhan sabha chunav राजस्थान में इस बार चुनाव लड़ने वाले नेताओं को सुबह-शाम अपने कार्यकर्ताओं को कचौरी-समोसे खिलाना महंगा पड़ेगा। दरअसल, चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव प्रचार-प्रसार में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की रेट लिस्ट जारी की है।

इसमें कीमतें 2018 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं। सिर्फ चाय और कॉफी की रेट पहले की तरह ही बरकरार रखी गई है। साथ ही समोसे से लेकर बैनर, कनात, पंडाल, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे और वाहनों पर किस तरह खर्च करना है, यह भी तय कर दिया है।

इस बार लग्जरी कार, बोलेरो, इनोवा या बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा। वहीं, बैटरी रिक्शा पर फ्लेक्स, बैनर और लाउड स्पीकर के जरिए चुनाव प्रचार करवाने का खर्चा भी बढ़ा दिया है। आयोग ने इन सभी वाहनों का प्रतिदिन का किराया 15 फीसदी तक बढ़ा दिया है। लग्जरी कारों का एक दिन का किराया नॉन एसी 2 हजार, जबकि एसी 3100 रुपए निर्धारित किया है। अगर प्रत्याशी इनका उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के समय करता है तो यह उसके चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा।

इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए 40 लाख रुपए खर्च की लिमिट दी है। इसमें प्रत्याशियों को रैलियां, रोड शो, चुनावी सभाओं के अलावा चुनाव कार्यालय खोलने, कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता, खाना खिलाने का भी खर्च शामिल है। पूरे खर्च का लेखा-जोखा आयोग के सामने पेश करना होगा।

135 चीजों की रेट निर्धारित
जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बैठकर पुरानी दरों को रिन्यूअल करने के बाद कुल 135 आइटम की रेट का निर्धारण किया है। इसमें चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पंडाल, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे और वाहन भी शामिल हैं।

खर्च का ब्योरा देना होगा
चुनाव के लिए नामांकन करते ही प्रत्याशियों के खर्च का मीटर भी शुरू हो जाएगा। नेताजी प्रचार के दौरान समर्थकों को क्या खिला-पिला रहे हैं, यह सब उनके खर्च में जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी को आयोग की तरफ से व्यय रजिस्टर दिए जाएंगे। प्रशासन की ओर से जारी की गई रेट लिस्ट के मुताबिक ही खर्च का ब्योरा देना होगा।