गांवों में पसरा सन्नाटा, किसान की दिवाली भी हो गई काली

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  • फसल खराबे को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन

कोटा। भारतीय किसान संघ अतिवृष्टि से फसलों के चौपट होने पर मुआवजे समेत विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया गया। कार्यकर्ता महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम पर इकठ्ठे हुए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। आक्रोश रैली के दौरान किसानों ने हाथों में गली हुई सोयाबीन, धान और दरांत ले रखे थे।

कलेक्टर कार्यालय पर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने कहा कि आज गांवों में सन्नाटा छाया हुआ है। किसानों की दिवाली भी काली हो गई है। रबी की बुवाई करने के लिए किसानों के पास कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि किसानों से वादा करके सत्ता में आने वाली केन्द्र और राज्य सरकार को इतनी भी फुर्सत नहीं कि भयंकर आर्थिक संकट में पड़े हुए अन्नदाताओं की सार सम्भाल लिया जाए। यदि किसानों की मांगों पर जल्द विचार नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन महापड़ाव डाला जाएगा।

भारतीय किसान संघ के संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता तथा जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने बताया कि भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में अतिवृष्टि से नुकसान का सर्वे कराने के साथ ही बीमा कंपनी से बीमा दिलाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने जलभराव से सोयाबीन, उड़द, तिल्ली, धान की फसल नष्ट होने की बात की। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने नुकसान का प्राकृतिक आपदा प्रबंधन समिति से किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग भी की।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिस पटवार सर्किल में पटवारी नहीं है, वहां उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। सोयाबीन, मूंग, मक्का, ये सभी फस्लें नष्ट हो चुकी हैं और अब धान भी 50 प्रतिशत नष्ट हो गई है।बाढ में जिन किसानों के आवास ढह गए, उन्हें भी परिवार के पालन पोषण के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। सम्पूर्ण जिले में 80 से 100 प्रतिशत फसलें नष्ट हो गई है।