गर्भवती का डाटा ऑनलाइन, प्रॉब बताएगा गर्भस्थ शिशु की धड़कन

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कोटा। मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए भारत सरकार के प्रोजेक्ट ‘आसमान’ के तहत  जिले में चयनित इटावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है। अब यहां आने वाली हर गर्भवती महिला को पूरा डेटा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है। इसके लिए लेबर रूम व नर्सिंग स्टेशन पर 3 टैबलेट लगाए गए हैं। 

प्रोजेक्ट के तहत इटावा पीएचसी पर अत्याधुनिक उपकरण भी दिए गए हैं, जिनसे गर्भवती महिलाओं व गर्भस्थ शिशु की जांच में आसानी होगी। इसमें मायो उपकरण दिया गया है। इसमें एक प्रॉब है, जेल के साथ जैसे ही महिला के पेट में इस प्रॉब को लगाया जाएगा तो यह डिजिटल उपकरण बता देगा कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन कैसी चल रही है?

साथ ही महिला का पल्स रेट भी इसमें रिकॉर्ड हो जाएगा। अब तक जिले की किसी भी सीएचसी में ऐसे उपकरण नहीं है। इनके अलावा डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट भी उपलब्ध कराए गए हैं। कोटा जिले के लिए एक प्रोग्राम ऑफिसर भी लगाया है।

इसमें भारत सरकार के साथ 4 बिल गेट्स की संस्था बीएमजीएफ, एमएसडी इंडिया, रिलायंस फाउंडेशन, टाटा ट्रस्ट व यूएस एड सहभागी है। प्रोजेक्ट के फील्ड में क्रियान्वयन का जिम्मा इंटरनेशनल संस्था जपाइगो व आईटी कंपनी एवेलोन को सौंपा गया है।

इसके तहत इटावा सीएचसी पर लगाए गए टैबलेट्स में ‘आसमान’ सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया गया है। अब वहां गर्भवती महिलाओं से जुड़ा मैनुअल काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वहां के स्टाफ को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है।

जैसे ही लेबर रूम में कोई गर्भवती महिला आएगी तो उसके बीपी, पल्स, हीमोग्लोबिन, शुगर समेत सभी पैरामीटर्स इस सॉफ्टवेयर में फीड किए जाएंगे। सॉफ्टवेयर खुद नोटिफिकेशन देगा कि दोबारा कब जांच करनी है। मसलन कितने घंटे बाद बीपी लेनी है या पल्स चेक करनी है?

इनमें से जैसे ही कोई पैरामीटर असामान्य होगा तो सॉफ्टवेयर खुद सिंबल देगा और इससे जोड़े गए इटावा सीएचसी के 4 डॉक्टर्स को भी नोटिफिकेशन मिलेगा। वे अस्पताल में हों या नहीं, पैरामीटर के आधार पर स्टाफ को निर्देशित कर सकेंगे कि महिला को क्या दिया जाना चाहिए।

सारे पैरामीटर्स फीड करते रहने के बाद गर्भवती महिला का फोटोग्राफ भी यही सॉफ्टवेयर तैयार कर देगा। कोटा में बैठे सीएमएचओ, आरसीएचओ समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी हर गर्भवती महिला की डिटेल व उसे दिए गए ट्रीटमेंट समेत सबकुछ ऑनलाइन देख सकते हैं।

रैफर करने की स्थिति में यदि संबंधित हॉस्पिटल भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ा होगा तो महिला के वहां पहुंचने से पहले ही उसकी सारी डिटेल संबंधित हॉस्पिटल को मिल जाएगी। वे महिला के पहुंचने से पहले ही पूर्व तैयारी भी कर सकते हैं।

सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने बताया कि इसी माह से इटावा सीएचसी में आसमान प्रोजेक्ट के तहत डिजिटलाइजेशन किया गया है। अब वहां गर्भवती महिलाओं से जुड़ा पूरा काम ऑनलाइन हो रहा है। आने वाले दिनों में जिले की अन्य सीएचसी भी इसी तरह काम करेंगी। इसके लिए ट्रेनिंग प्रोसेस चल रहा है।