केडीए बिल को वापस लेने के लिए किसान वर्ग गांवों में अभियान छेड़ेगा

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किसान एवं प्रबुद्ध नागरिकों का संयुक्त मंच बनाया जाएगा

कोटा। कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) में बूंदी एवं कोटा के लगभग 300 गांव को खत्म करने से नाराज किस वर्ग एवं पर्यावरणविदों ने राज्य की नई सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की। ग्राम स्वराज की अवधारणा पर आधारित किसानों के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं हो।

राज्य की पूर्ववर्ती सरकार ने आनन-फानन में बिना किसी विचार-विमर्श के विधानसभा में पारित करने का पाप किया है। इससे खेती किसानी और पर्यावरण पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को चुकाना पड़ेगा।

शनिवार को भामाशाह कृषि उपज मंडी के किसान भवन में क्षेत्र के किसान प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि यह बिल भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने की नीयत से बनाया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर आयोजित इस बैठक को संबोधित करते हुए हाडोती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने कहा कि अन्नदाता किसानों की जमीन को चीन से ग्राम स्वराज की अवधारणा एवं गांव के विकास की नीति का हनन होता है। शहरीकरण की कोई सीमा निश्चित होनी चाहिए।

यह किसानों के हितों से सौदा करने के समान है। इसके लिए किसान वर्ग को जन चेतना जागृत हुए नई गठित सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की जाएगी। दशरथ कुमार ने चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एक किसान नेता के रूप में उन्होंने कभी भी किसानों के हितों पर चोट नहीं पहुंचने दी।

किसानों को बिना दलगत राजनीति के इस विषय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। युवा किसान नेता गिरिराज गौतम ने कहा कि राज्य में पिछली सरकार ने इस बिल को पास कर किसानों के साथ धोखा किया है। नई सरकार को इस गलती को सुधारना चाहिए।

इस अवसर पर चंबल संसद के संरक्षक एवं समाजसेवी जीडी पटेल ने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। इसके लिए संयुक्त समिति का गठन किया जाए।

पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि शहरीकरण के अनावश्यक विस्तार के लिए किसानों से जमीन छीनना भविष्य में खाद्यान्न के संकट को न्योता देना है। सभी किसान संगठनों को गैर दलगत राजनीतिक रूप से पहल करते हुए इस अभियान का समर्थन करना चाहिए।

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के विजय पालीवाल ने ग्राम स्वराज पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस मुद्दे को उठाना चाहिए। उन्होंने नई सरकार से किसानों के प्रति संवेदनशील होने की की अपील की।

भाजपा नेता डॉक्टर एलएन शर्मा ने किसानों की चिंता से स्वयं को जोड़ते हुए कहा कि इससे किसान हित ही नहीं पर्यावरण के व्यापक हितों का भी नुकसान होगा एवं आने वाले समय में हर जगह सीमेंट कंक्रीट के स्ट्रक्चर दिखाई देंगे।

बैठक में जिला परिषद सदस्य मुरली मीणा पूर्व पार्षद सुरेश गुर्जर, भंवर लाल चौधरी, रामस्वरूप, डॉ. विक्रम ने किसानों को बेरोजगार करने वाली नीति के खिलाफ जागरण का आह्वान किया है।