कृषि विपणन बोर्ड रिश्वत मामले में 400 पेज की फाइल ACB को सौंपी

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कोटा। राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड कोटा में दो निर्माण कार्यों के करीब 46 लाख रुपए बिल पास करने की एवज में रिश्वत लेते मंडी सचिव समेत पांच अधिकारियों के पकड़े जाने के बाद दूसरे दिन गुरुवार को अधीक्षण अभियंता घनश्याम गुप्ता ने 400 पन्नों की दो फाइल एसीबी को सौंपी।

इन फाइलों में सड़क निर्माण कार्यों से जुड़ी निविदाएं, बिल समेत अन्य कार्यों के दस्तावेज थे। गौरतलब है कि राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड में बुधवार को एक फर्म से दो निर्माण कार्य के 80 लाख का बिल पास करने के लिए अधिकारी 3 लाख 68 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे।

शिकायत सत्यापन के बाद एसीबी ने परिवादी को एक लाख 40 हजार रुपए देकर अधिशासी अभियंता प्यारेलाल मीणा, मंडी सचिव रामपाल कुमावत, सहायक अभियंता अमरसिंह, कनिष्ठ अभियंता सोमेश अग्रवाल व कैशियर साजिद हुसैन को गिरफ्तार किया था।

कृषि विपणन बोर्ड व मंडी सचिव कार्यालय में भ्रष्टाचार का यह खेल चार साल से चल रहा था। एक व्यापारी ने मंडी लाइसेंस बनाने के लिए मंडी सचिव को एप्लीकेशन एप्लाई की थी, लेकिन बाद में मंडी सचिव ने उसे आने के लिए कहा था।

जब वे कुछ दिनों बाद गया तो लाइसेंस के बदले मंडी सचिव ने उससे सेवा पानी करने की बात कही थी, लेकिन व्यापारी ने सेवा पानी के लिए पैसे नहीं होने की बात कही। इस पर मंडी सचिव ने लिपिक से मिलने की बात कही, लेकिन उसने भी लाइसेंस नहीं दिया। बाद में जयपुर फाइल जाने का हवाला देकर उसे डेढ़ माह तक कार्यालय के चक्कर कटवाए।

आखिरकार उसने 181 पर मानवाधिकार आयोग हेल्पलाइन पर शिकायत की। शिकायत के बाद वहां से दो बार फोन आया था। उसने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। वहां से जवाब मिला था कि आपकी शिकायत दर्ज कर ली है। हमारे स्तर पर कार्रवाई करेंगे।

बाद में उच्चाधिकारियों ने मंडी सचिव को शिकायत निस्तारण के लिए कहा। मंडी सचिव ने बुधवार सुबह ही कम्प्यूटर ऑपरेटर को जगह देखने के लिए भेजा था, लेकिन बाद में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने व्यापारी से कहा कि मानवाधिकार आयोग से फोन आए तो लाइसेंस बनने की बात कह देना, लेकिन व्यापारी ने मना कर दिया। आखिरकार उसने लाइसेंस नहीं दिया।