कृषि महोत्सव: हाड़ौती भर से पहुंचे किसानों ने देखे कृषि नवाचार, परखा कृषि उत्पादों को

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कोटा। उमंग और उल्लास के प्रतीक कोटा के दशहरा मैदान में मंगलवार से कृषि महोत्सव प्रारंभ हुआ। हाड़ौती में हुए कृषि के अब तक के इस सबसे बड़े इस आयोजन में भाग लेने के लिए कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के हर कौने से किसान पहुंचे। कृषि की परम्परागत तकनीक से खेती कर रहे किसानों में आधुनिक खेती से जुड़ने, किसानी की नई तकनीक को जानने, प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन से अपनी उपज की अधिक कीमत प्राप्त करने की ललक साफ दिखाई दी।

किसान का बेटा दुकान पर नहीं खेत पर काम करे
इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अनेक परेशानियों के चलते किसान का बेटा शहर की ओर पलायन कर रहा है। हमें यह स्थिति दूर करनी है। हम चाहते हैं कि तकनीक और नवाचार से कृषि में वह ताकत उत्पन्न करें कि किसान का बेटा दुकान पर नहीं बल्कि खेत पर काम करे। यह मेरा सपना है और इसे सच करने के लिए मुझे किसानों की ऊर्जा और उनका सहयोग मिल रहा है।

किसान देश की रीढ़: उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की आय नहीं बढ़ेगी, देश में आर्थिक परिवर्तन नहीं होगा। किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं। कोरोना के समय जब हर सेक्टर में उत्पादन घट गया था, तब भी हमारे किसानों ने फसल उत्पादन में नए रिकाॅर्ड स्थापित किए। उस कठिन दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की योजना चला सके तो उसके पीछे किसानों का ही सामर्थ्य था।

श्वेत क्रांति का भी केंद्र बनाएं: उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि इस दो दिवसीय आयोजन के दौरान किसान हर स्टार्टअप को देखें। उनके नवाचारों के बारे में जानकारी जुटाएं। कृषि वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों के अनुभवों से सीखें। वे कृषि के साथ पशुपालन से भी जुड़ें, हाड़ौती को हरित क्रांति के साथ श्वेत क्रांति का भी केंद्र बनाएं। अपने उपज में प्रोसेंसिंग और वेल्यू एडीशन का कौशल भी स्वयं में विकसित करें।

कृषि और पशुपालन में नए युग की शुरूआत: बिरला ने कहा कि पम्परागत खेती में हमें आधुनिक तकनीक का समावेश कर अपनी जलवायु और आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि का ऐसा माॅडल तैयार करें, जिसे देखने के लिए पूरे भारत से लोग यहां आएं। वे हमारे खेतों में आकर हमसे उपज के तरीके सीखें, यहां के पशु पालन उद्योग को देखें, फूड प्रोसेसिंग और वेल्यू एडीशन के हमारे तरीकों के बारे में जानें। इससे हाड़ौती में कृषि और पशुपालन के एक नए युग की शुरूआत होगी। इसमें किसानों को उनका पूरा सहयोग मिलेगा।

हर विधानसभा क्षेत्र में बाटेंगे एक लाख फलदार पौधे
बिरला ने कहा कि पूर्व में उन्होंने सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र में किसानों को उन्नत किस्म के एक लाख पौधे वितरित किए थे। इन पौधों का लाभ किसानों को मिल रहा है। अब उनका लक्ष्य कि संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक लाख फलदार पौधे वितरित किए जाएं। किसान जब फसल के साथ नीबू, अमरूद, आंवला, बेर और अन्य फलदार पौधे लगाएगा तो इससे उसकी आमदनी और बढ़ेगी।

कृषि बजट 6 गुना किया
कृषि महोत्सव प्रदर्शनी व प्रशिक्षण उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित होने कोटा आए कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों को समर्पित है। 2014 में कृषि का बजट 23 हजार करोड़ रुपए था जिसे 6 गुना बढ़ाकर 1.32 लाख करोड़ रुपए करने का काम मोदी सरकार ने किया है। पीएम मोदी की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। इस प्रस्ताव का 72 देशों ने समर्थन किया है।

मिलेट्स के प्रति दुनियाभर में जागरूकता बढ़ रही हैए दुनिया में मिलेट्स के एक्सपोर्ट का फायदा राजस्थान सहित देशभर में मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले हमारे किसानों को मिलेगा। नेचुरल फार्मिंगए शुद्ध आहार और मिलेट्स को निरन्तर मिल रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज राजस्थान की थाली का स्वाद पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है।

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से बदल रही सूरत
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार ने किसान उत्‍पादक संगठन ;एफपीओद्ध की शुरूआत की है। इसके अन्तर्गत 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से हजारों प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस फंड के माध्यम से कृषि में वैल्यू एडिशन करने वाले प्रगतिशील किसानों को पॉली हाऊसए वेयर हाऊस जैसे प्रोजेक्ट के लिए सस्ती दर पर 2 करोड़ रुपए के लोन दिए जा रहे हैं।

नई तकनीकी के साथ खेती
राजस्थान में कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश का किसान अब नई तकनीकी के साथ खेती की ओर अग्रसर हो रहा है। फार्म पौण्ड, ड्रिप फव्वारा से पानी बचाने, भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उपज लेने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों ने परम्परागत जैविक खेती के साथ-साथ आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी से बागवानी की दिशा में भी कदम बढ़ाएं हैं। इसका लाभ आने वाले वर्षों में देशभर के नागरिकों को मिलेगा। देश दुनिया में खेती व पशुपालन में हो रहे नवचार की जानकारी कृषि महोत्सव में मिलेगी।