कलक्टर गोस्वामी ने नीट में शामिल होने वाले छात्रों को दिए अकेडमिक व मोटिवेशनल टिप्स

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कोटा। Motivational tips for NEET students: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी मई माह के पहले सप्ताह में होगी। परीक्षा में कोटा से भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स शामिल होने वाले हैं। इन दिनों गंभीरता के साथ ये स्टूडेंट्स तैयारी में जुटे हैं। इन्हें मोटिवेट करने और समस्याओं के समाधान करने के लिए कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने शनिवार को बारां रोड स्थित एलन सुपथ कैम्पस में उन्होंने स्टूडेंट्स से संवाद किया।

यहां उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि अभी आपके पढ़ाई करने का समय है। यह हमेशा याद रखना है कि आप कोटा क्यों आए हैं, आपका क्या टारगेट है और इसके लिए हमें पढ़ाई करनी है। आप सिर्फ पढ़ाई कीजिए, बाकी सारी समस्याएं मुझ पर छोड़ दीजिए। हर समस्या के समाधान के लिए मैं हूं ना। इस समय आपके लिए रिवीजन बहुत जरूरी है।

रिवीजन कैसे करना है, यह आपको पता होगा। एग्जाम पैटर्न, सब्जेक्ट कवरेज और छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखने का समय है। हमें स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना है। हमने एक साल-दो साल जो तैयारी की है, उसकी परीक्षा है, इसलिए अच्छे से, पूरी ऊर्जा के साथ परीक्षा दें।

डॉ.गोस्वामी ने कहा कि जो आपने नोट्स अपने तरीके से बनाए हैं, उन्हें देखें, क्योंकि उससे आप सब्जेक्ट को बहुत आसानी से कम समय में रिकॉल कर सकते हैं। इसके अलावा यदि कुछ टॉपिक्स में कन्फ्यूजन है तो यू-ट्यूब वीडियोज की भी मदद ले सकते हैं, हो सकता है नए तरीके से अध्ययन आपके लिए लाभदायक हो।

जब स्टूडेंट ने पूछा कि हमें कितने अधिकतम प्रयास करने चाहिए, या कब टारगेट बदल लेना चाहिए ? तो डॉ.गोस्वामी ने कहा कि मुझे लगता है दो या तीन अटेम्प्ट तक तो प्रयास करने चाहिए लेकिन इसके बाद यदि हम सेल्फ एनालिसिस में देखें और लगता है कि नहीं कर पाएंगे तो विकल्पों पर विचार कर लेना चाहिए। मैंने भी यही सोचा हुआ था कि यदि दो अटेम्प्ट में नहीं हुआ तो चेंज कर लेंगे। हां, यदि कम नम्बर का डिफरेंस रह जाए और आपको लगे कि ये कवर कर सकते हैं तो कोशिश की जानी चाहिए।

एक स्टूडेंट ने जब कहा कि जीवन में सिर्फ नीट, जेईई या आईएएस बनना यही रह गया है क्या ?, इस पर डॉ.गोस्वामी ने कहा कि ऐसा नहीं है। हर चीज का एक टाइम होता है। आप कोटा आए हैं और अभी टाइम सिर्फ पढ़ाई का है।

किताबें एक्सप्लोर करने का टाइम है। जिस चीज का समय है, उसे अच्छे से करें। बच्चों ने हॉस्टल की समस्याओं को लेकर भी सवाल किए। अंत में डॉ.गोस्वामी ने कहा कि आपके जो भी सवाल हैं, मुझे मेल करें, सवाल भेजें।