कपास होगा महंगा, उत्पादन में कमी का दिखेगा इस बार असर

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नई दिल्ली। भारतीय कपास संघ (CAI) ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू हो रहे 2022-23 सत्र के लिए अपने कपास फसल उत्पादन (Cotton Production) के अनुमान को 10 लाख बेल्स (गांठ) (एक गांठ 170 किलोग्राम) घटाकर 303 लाख गांठ कर दिया है। इसका कारण यह है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और आंध्र प्रदेश में उत्पादन घटने की आशंका है।

CAI ने बयान में कहा कि पिछले सत्र में कुल कपास उत्पादन 307.05 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया गया था। एक अक्टूबर, 2022 से शुरू हुए मौजूदा सत्र में कपास का उत्पादन पंजाब में दो लाख गांठ, महाराष्ट्र में तीन लाख गांठ, तेलंगाना में पांच लाख गांठ और आंध्र प्रदेश में 50 हजार गांठ घटने की आशंका है।

अक्टूबर, 2022 से मार्च, 2023 के दौरान कुल कपास की आपूर्ति 229.02 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 190.63 लाख गांठ का उत्पादन, 6.50 लाख गांठ का आयात और सत्र की शुरुआत में 31.89 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक शामिल है।

इसके अलावा, CAI ने अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक कपास की खपत 149 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि 31 मार्च, 2023 तक निर्यात की खेप 10.50 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।

मार्च, 2023 के अंत में स्टॉक 69.52 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 50.52 लाख गांठ कपड़ा मिलों के पास और शेष 19 लाख गांठ भारतीय कपास निगम (CCI), महाराष्ट्र फेडरेशन और अन्य (MNCs, व्यापारियों, जिनर्स आदि) के पास हैं।

मौजूदा सत्र के अंत में 30 सितंबर, 2023 तक कपास की आपूर्ति 349.89 लाख गांठ होने का अनुमान है। इसमें सत्र की शुरुआत में 31.89 लाख गांठों का शुरुआती स्टॉक, 303 लाख गांठ की वर्तमान फसल और 15 लाख गांठ के आयात का अनुमान शामिल है।

CAI द्वारा इसी वर्ष 2021-22 के लिए अनुमानित आयात 14 लाख गांठ था, जबकि इस सत्र के लिए निर्यात 25 लाख गांठ होने का अनुमान है। CAI ने कहा कि सत्र के लिए घरेलू खपत 311 लाख गांठ रहने का अनुमान है।