कच्चे तेल के उत्पादन में रोजाना पांच लाख बैरल की कटौती करेंगे ओपेक देश

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नई दिल्ली। तेल उत्पादकों के मंच ओपेक के सदस्य देशों तथा रूस जैसे उनके अन्य मित्र उत्पादक देशों के बीच कच्चे तेल के दैनिक उत्पादन में पांच लाख बैरल की अतिरिक्त कमी किए जाने की शुक्रवार को सहमति बन गई। यह समझौता पहली जनवरी से लागू होगा।

यह कटौती उत्पादन का स्तर कम रखने के लिए उनके बीच इस समय चल रही सहमति के अतिरिक्त है। वियना में ओपेक के मुख्यालय पर इन देशों के मंत्री लंबी माथापच्ची के बाद नए करार पर पहुंचे।

उत्पादक देशों का मानना है कि इस समय वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति जरूरत से अधिक है, इससे कीमतें नीचे आने का जोखिम है। बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने दैनिक उत्पादन में पांच लाख बैरल की और कमी करने का फैसला किया है। यह निर्णय एक जनवरी 2020 से लागू होगा।

पहले से ही हो रही है 12 लाख बैरल की कटौती
इससे पहले इन देशों में गत दिसंबर में उत्पादन को अक्टूबर 2018 के स्तर से 12 लाख बैरल कम करने का समझौता हुआ था। जुलाई में इस समझौते को और आगे के लिए प्रभावी कर दिया गया। कटौती मार्च 2020 तक बनाए रखने का निर्णय हुआ था।

ओपेक और सहयोगी देशों के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.58 फीसदी के उछाल के साथ 64.39 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। वहीं अमेरिकी डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.32 फीसदी के उछाल के साथ 59.20 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।

महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल
कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में आए उछाल से घरेलू बाजार भी प्रभावित होगा। जानकारों का कहना है कि यदि कच्चा तेल लंबे समय तक उच्च स्तर पर रहता है तो भारत में पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं।