एसीबी ने रिश्वत मांगने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ किया मामला दर्ज

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कोटा। बीएड इंटर्नशिप के अभ्यर्थी को उसके विषयों में पढ़ाने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग करने के मामले में एसीबी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीनाथपुरम के प्रिसिंपल महावीर नगर निवासी यदुनंदन गौतम के खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

आरोपी को दो बार ट्रेप करने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रेप सफल नहीं हो सका। इस दौरान बीएड अभ्यर्थी को इंटर्नशिप के लिए दूसरा विद्यालय आंवटित करने से एसीबी ने इस मामले में सत्यापन के आधार पर एसीबी डीजी के आदेश पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।

एसीबी के एएसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि दीगोद निवासी जयेश मीणा ने करीब ढाई माह पूर्व 16 अक्टूबर को एसीबी में दी शिकायत में बताया कि वह बीएड ट्रेनिंग पूरी कर चुका है। इसके बाद उसे इंटर्नशिप के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीनाथपुरम आवंटित किया गया। जहां उसे बीएड के बाद 96 दिनों की इंटर्नशिप के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाना था।

इसके लिए वह विद्यालय पहुंचा, तो विद्यालय के प्रिसिंपल महावीर नगर निवासी यदुनंदन गौतम ने उसे उसके विषय इतिहास व भूगोल के स्थान पर गणित, इंग्लिश व खेलकूद पढ़ाने को कहा। इस पर जब जयेश ने उसके विषय इतिहास व भूगोल होने के कारण ये विषय उसे पढ़ाने की बात कही।

इस पर प्रिसिंपल गौतम ने 10 हजार रुपए की मांग की। इस पर एसीबी ने 17 अक्टूबर को मामले का सत्यापन करवाया, तो प्रिसिंपल 6000 में पंसदीदा विषयों पढ़ाने की इंटर्नशिप करने पर राजी हो गया।

सत्यापन के बाद आरोपी को 6 नवम्बर को ट्रेप करने के लिए कार्रवाई का आयोजन किया गया, लेकिन विद्यालय का निरीक्षण होने के कारण वह बाहर नहीं निकला। इस पर एसीबी का ट्रेप नहीं हो सका। इसके बाद एक बार फिर 11 नवम्बर को एसीबी ने ट्रैप का आयोजन किया, लेकिन परिवादी जयेश मीणा को दूसरा विद्यालय आवंटित हो गया और ट्रेप की कार्रवाई नहीं हो सकी।

इस पर एसीबी ने मामले में सत्यापन के आधार पर मामला दर्ज करने के लिए एसीबी के जयपुर मुख्यालय से अनुमति मांगी। एसीबी डीजी के आदेश पर सोमवार शाम को प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई।

सभी नियम ताक में रख दिए
एएसपी ने बताया कि प्रिसिंपल इतना लालची था, कि सत्यापन के दौरान जब परिवादी ने 10 हजार के स्थान पर 6 हजार रुपए देने की बात कही, तो वह झट से मान गया। साथ ही उसने बिना पढ़ाए ही इंटर्नशिप पर हस्ताक्षर करने की बात कह डाली, जो एसीबी के रिकार्ड में दर्ज हो गई।