एयर इंडिया की 100 %हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा पत्र जारी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में से अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए सोमवार को निविदा पत्र जारी कर दिया। निविदा पत्र के अनुसार, रणनीतिक विनिवेशक के तहत एयर इंडिया लो कॉस्ट एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी और संयुक्त उपक्रम AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। एयरलाइन का प्रबंधन भी सफल निविदादाता को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। निविदा पत्र के अनुसार इच्छुक खरीदार 17 मार्च तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा कर सकते हैं।

AISATS एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्त उपक्रम है। यह कंपनी ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य करती है। निविदा पत्र में कहा गया है कि एयर इंडिया इसके अलावा एयर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में भी हिस्सेदारी रखती है।

इन सभी कंपनियों को एक अलग कंपनी एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चल रही है। यह सभी कंपनियां मौजूदा बिक्री मसौदे का हिस्सा नहीं होंगी। निविदा पत्र के अनुसार विनिवेश के समय एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के कुल 60 हजार करोड़ में से 23,286.5 करोड़ रुपए का कर्ज रहेगा। अन्य कर्ज को एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड को आवंटित कर दिया जाएगा। सलाहकार फर्म अर्नेस्ट एंड यंग (EY) को विनिवेश सलाहकार बनाया गया है।

3500 करोड़ होनी चाहिए खरीदारी की नेटवर्थ
सरकार की ओर से जारी निविदा प्रक्रिया में कहा गया है कि यह कई कंपनियों का कंसोर्टियम ईओआई जमा करता है तो ऐसे कंसोर्टियम का मुख्य सदस्य 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है। पहले यह हिस्सेदारी 51 फीसदी रखी गई थी। कंसोर्टियम में कम से कम हिस्सेदारी को आसान करके 10 फीसदी कर दिया गया है। ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को कंसोर्टियम में शामिल होने के मकसद से इस बार शर्तों में ढील दी गई है। योग्य निविदादाता की कुल नेटवर्थ 3500 करोड़ रुपए होनी चाहिए। पहले निविदादाता की नेटवर्थ 5000 करोड़ रुपए तय की गई थी।