राजस्थान को मसाला उत्पादन का हब बनाने की ज़रूरत है: स्पीकर बिरला

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जयपुर। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बदलते वक्त में परंपरागत खेती के साथ-साथ जैविक खेती और प्राकृतिक खेती पर ज़ोर देना चाहिए। आने वाले समय में राजस्थान को मसाला उत्पादन का हब बनाने की ज़रूरत है। श्री बिरला शनिवार को राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (राजस्थान मसाला संघ), जयपुर द्वारा आयोजित इंटरनेशनल बिजनेस मीट को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट और प्रोडक्शन कि दिशा में किसानों की मदद करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए काम भी होना चाहिए। फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) के जरिए किसान संगठित रूप से विकास के रास्ते से जुड़ें। उन्होंने उम्मीद जताई कि FPO के माध्यम से आने वाले समय में राजस्थान मसाला उद्योग में 50 प्रतिशत योगदान देगा।

राजस्थान की जलवायु का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि यद्यपि प्रदेश में बारिश कम होती है, किन्तु किसानों और व्यापारियों के परिश्रम ने इस धरती को सींचा है। लोगों के इस परिश्रम व् निष्ठा ने राजस्थान को समृद्ध किया है। राजस्थान की धरती को मरुधरा के रूप में जाना जाता है, लेकिन लोगों के परिश्रम के कारण ये धरती अन्नपूर्णा भी है। श्री बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज राजस्थान के मसाले जग प्रसिद्ध हैं। राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्र विभिन्न मसालों के लिए जाने जाते हैं।

उन्होंने कहा कि विशेष रुप से कुछ मसाले केवल राजस्थान में पाए जाते है। विश्व के कई देशों की अपनी यात्राओं का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि हजारों वर्षों से भारत के मसाले सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीका, यूरोप, मिडल ईस्ट सभी क्षेत्रों में भारत के मसाले अत्यंत लोकप्रिय हैं।

श्री बिरला ने कहा कई आज के दौर में किसान प्रगतिशील हैं, वे अधिक उत्पादन, वैल्यू एडिशन तथा प्रोसेसिंग के कारण विकास के पथ पर अग्रसर हैं । वैल्यू एडिशन के जरिए सभी एग्री प्रोडक्ट्स, विशेषकर मसालों और जड़ी बूटियों के उत्पादन में राजस्थान आगे बढ़ रहा है। एग्री इंडस्ट्रीज ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुए हैं। बदलते समय में परंपरागत खेती के साथ-साथ जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती पर ज़ोर देते हुए श्री बिरला ने कहा कि आने वाले समय में राजस्थान को मसाला उत्पादन का हब बनाने की आवश्यकता है।

श्री बिरला ने कहा कि फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गनाइज़ेशन (एफपीओ) के जरिए किसान संगठित रूप से विकास के पथ से जुड़े। आधुनिक खेती के क्षेत्र में कार्यरत स्टार्टअप नए इनोवेशन और रिसर्च का उपयोग करते हुए देश और किसानों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रहे हैं। श्री बिरला ने कहा कि देश के नौजवान अपनी बौद्धिक क्षमता, इनोवेशन, नवाचार और नई तकनीकी की सहायता से भू-संरक्षण के साथ प्रोडक्शन और वैल्यू एडिशन का कार्य कर रहे हैं।

श्री बिरला ने कहा कि विचारों का आदान-प्रदान लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। चिंतन-मंथन और बेस्ट प्रैक्टिसेज के आदान प्रदान से देश बदलाव और प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है। श्री बिरला ने असोसिएशन की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से किसानों को समृद्धि बढ़ी है और वैज्ञानिक खेती से प्रोडक्शन बढ़ाने और वैल्यू एडिशन का कार्य संभव हुआ है।

श्री बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि इन कदमों से राजस्थान के किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे एवं आत्म निर्भरता के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के अवसर बनेंगे। इस अवसर पर राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस के अध्यक्ष, निदेशक और अन्य सदस्यगण मौजूद रहे।