इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाने से पहले लेनी होगी शिक्षकों को ट्रेनिंग

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कोटा।इंजीनियरिंग कॉलेज में क्लासेज लेने से पहले शिक्षकों को साढ़े चार से पांच माह की ट्रेनिंग लेनी होगी। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने शिक्षकों के लिए कॅरिकुलम तैयार किया है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाने से पहले यह ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी है।

ट्रेनिंग 480 घंटे की होगी। इसके लिए देश में अलग-अलग जगहों पर ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। राजस्थान के जयपुर में यह सेंटर खोला जा सकता है। इसके साथ ही तिरुवनंतपुरम, बड़ोदरा व गुवाहाटी में सेंटर प्रस्तावित हैं। एआईसीटीई की मंशा है कि क्लासरूम से पहले टीचर्स को पूरी तरीके से तैयार होना चाहिए।

अभी यूनिवर्सिटी व कॉलेज में सीधे शिक्षा व अनुभव की पात्रता के आधार पर नौकरी दी जाती है। ट्रेनिंग का रोल बिल्कुल भी नहीं है। एआईसीटीई इंजीनियरिंग की गुणवत्ता को निखारने के लिए ट्रेनिंग भी देने जा रहा है।

एआईसीटीई ने जारी की कॉलेजों की बेस्ट प्रेक्टिसेज : एआईसीटीई ने एक और इनोवेशन के तहत देश के चुनिंदा कॉलेजों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का चयन करके उनको सार्वजनिक किया है। इंजीनियरिंग कॉलेज एक-दूसरे से सीख सकें, इस मंशा से यह बेस्ट प्रेक्टिसेज मांगी गई थी।

कॉलेजों ने अपनी बेस्ट प्रेक्टिसेज में नैक की मान्यता के लिए किए गए कामों, प्लेसमेंट बढ़ाने के लिए किए गए प्रयास, इंटरनेशनल रिसर्च पेपर में बढ़ोतरी, स्टूडेंट्स टीचर्स इंटरेक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार सहित अन्य कामों का वर्णन किया है।

हालांकि, कॉलेजों की इस लिस्ट में राजस्थान का एक भी कॉलेज शामिल नहीं है। राजस्थान के कॉलेज अन्य कॉलेज की बेस्ट प्रेक्टिसेज को अपना यहां लागू जरूर कर सकते हैं। रिपोर्ट में बिंदुवार एक एक कॉलेज की खासबात का