आत्महत्या दुखों से बचने का सही मार्ग नहीं : कोटा कलेक्टर

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कोटा। इस संसार के सभी भौतिक सुख आनन्द के लिए बने हैं। लेकिन, इन सुखों को पाने के लिए अंधी दौड़ युवाओं में तनाव दे रही है। अभिभावकों की अभिलाषा, बेहतर जीवन की चाह और अवसरों की कमी से युवा भयभीत हो रहे हैं। असफलता का भय ही आत्महत्या का कारण बन जाता है। आत्महत्या दुखों से बचने का सही मार्ग नहीं है।

यह बात कलेक्टर ओम कसेरा ने कही। वे आर्यसमाज और पतंजलि योग पीठ की ओर से प्रसारित किए जा रहे ‘जीवन है अनमोल’ पोस्टर का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मन में नकारात्मक विचारों के प्रवेश से व्यक्ति आत्महत्या की ओर अग्रसर होता है। नकारात्मकता से अवसाद, तनाव, चिन्ता और निराशा बढती है। संसार में सकारात्मक ऊर्जा से बड़े से बड़े कार्य किए गए हैं।

मनुष्य जीवन ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार है। इसे श्रेष्ठ और सेवाकार्याें में लगाना चाहिए। अपनी क्षमताओं को पहचानकर तनाव और निराशा से बाहर निकला जा सकता है। बच्चों को एकांत में रहने से बचते हुए अभिभावकों को अपनी भावनाओं से अवगत कराना चाहिए।

इससे पहले कलेक्टर ओम कसेरा को केसरिया रेशमी ओम का दुपट्टा पहनाकर व मंत्रोच्चारण के साथ अभिनन्दन किया गया। वहीं, आर्य समाज कोटा की ओर से गायत्री मंत्र भावार्थ सहित लिखित फोटो फ्रेम भेंट किया गया।

इस अवसर पर राजस्थान आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रान्तीय प्रचार प्रभारी व पूर्व जिला प्रधान अर्जुनदेव चड्ढा, पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी, आर्य समाज गायत्री विहार के प्रधान तथा पतंजलि योग समिति के राज्य प्रभारी अरविंद पाण्डेय, जिला प्रभारी प्रदीप शर्मा, आर्य समाज कुन्हाड़ी के प्रधान पीसी मित्तल, आर्य समाज तिलक नगर के प्रधान ओमप्रकाश तापड़िया, डाॅ. वेदप्रकाश गुप्ता आदि मौजूद रहे।