निर्यातकों को एक जुलाई से देना होगा जीएसटी आईएन

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नई दिल्ली । पहली जुलाई से निर्यातकों और आयातकों को विदेशी व्यापार करने के लिए जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर देना अनिवार्य होगा। 15 अंकों वाला जीएसटिन गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) की ओर से जारी किया जाता है। राजस्व विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी है।

विभाग के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर लागू होने की तारीख से आयात पर आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) क्रेडिट पाने और निर्यात पर जीएसटी रिफंड लेने के लिए कस्टम दस्तावेज में जीएसटिन का उल्लेख करना जरूरी होगा। यह घोषित जीएसटिन सही आइईसी (इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड नंबर)/पैन लिंकेज के लिए प्रमाणित किया जाएगा।

जीएसटीएन पोर्टल पर करदाताओं के नामांकन की प्रक्रिया पहली जून (गुरुवार) से शुरू हो जाएगी। पंजीकरण का यह काम 15 दिनों के लिए खुलेगा। इससे पहले पोर्टल पर 30 अप्रैल से पंजीकरण प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। एडवाइजरी में कहा गया है कि जीएसटीएन फिर से पंजीकरण के लिए आइईसी को अपडेट करने की खातिर एक जून से 15 जून तक विशेष अभियान चलाएगी।

टैक्स रिफंड को लेकर जताई चिंता:
इस बीच निर्यातकों ने जीएसटी के तहत टैक्स रिफंड प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई है। वे मांग कर रहे हैं कि उन्हें पहले से मिल रहीं रियायतें जीएसटी के अंतर्गत भी जारी रखी जानी चाहिए। जीएसटी में निर्यातकों को ड्यूटी पहले अदा करनी होगी। उसके बाद रिफंड क्लेम करना होगा। ऐसा अनुमान है कि इस रिफंड प्रक्रिया के चलते निर्यातकों की सालाना 1.85 लाख करोड़ रुपये तक की वर्किग कैपिटल फंस जाएगी।

जारी रहे राज्यों के शुल्कों की भरपाई: परिधान निर्यातकों की संस्था अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) ने मांग की है कि इस सेक्टर के लिए राज्यों के शुल्कों पर मिल रही छूट को जीएसटी प्रणाली में भी जारी रखा जाए। उनकी दलील है कि इस छूट से निर्यात को प्रोत्साहन मिल रहा था। एईपीसी ने पिछले हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष आरओएसएल (रिबेट ऑफ स्टेट लेवीज) को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया था।

इस संस्था का कहना है कि आरओएसएल लागू होने का अपैरल निर्यात को खासा फायदा मिला है। इसके चलते अप्रैल में परिधान निर्यात में 31.7 फीसद का इजाफा हुआ था। बीते साल सितंबर से राजस्व विभाग ने 5,500 करोड़ रुपये वाली आरओएसएल स्कीम चालू की थी। इसके तहत निर्यातकों को राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्कों की भरपाई की जाती है।

जीएसटीएन का आइटी तंत्र साइबर अटैक से पूरी तरह सुरक्षित
वस्तु एवं सेवा कर के आइटी ढांचे से जुड़ी कंपनी जीएसटी नेटवर्क ने सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा समाधानों से लैस है। इसके चलते जीएसटी तंत्र किसी भी तरह के साइबर अटैक से पूरी तरह सुरक्षित होगा। जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने यह दावा किया है। देश अपनी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का कायाकल्प करने जा रहा है।