समर्थन मूल्य पर नहीं बिका 20 लाख क्विंटल लहसुन, किसानों को नुकसान

1064

कोटा। हाड़ौती में लहसुन की पैदावार करने वाले किसान इस बार कठिन दौर से गुजर रहे हैं। पहले तो वे सरकारी खरीद पर लहसुन बेचने का इंतजार करते रहे और इस इंतजार में लहसुन की क्वॉलिटी भी कम हो गई। अब वे इसे बाजार में बेचेंगे तो काफी कम कीमत मिलेगी। उनकी लागत का मूल्य भी नहीं निकलने वाला।

हाड़ौती संभाग में अभी भी 20 से 22 लाख क्विंटल लहसुन घरों व गोदामों पड़ा है। सरकारी खरीद के लिए हाड़ौती से 66 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सरकार ने केवल 20 से 21 हजार किसानों का लहसुन खरीदा है। ऐसे में 45 हजार किसान लहसुन बेचने से वंचित रह गए हैं। अब उन्हें लहसुन बेचने में करोड़ों का घाटा होने वाला है।

किसान नेता दशरथ सिंह ने बताया कि हाड़ौती संभाग में 70 लाख क्विंटल लहसुन की पैदावार हुई थी। सरकार ने दो महीने 22 जगहों पर कांटे लगाकर खरीदी की, लेकिन शुरुआत से इसमें लापरवाही बरती गई। तब कम किसानों का लहसुन खरीदा गया। किसान आंदोलन करते रहे, लेकिन सरकार की मंशा नहीं थी तो कम खरीदी हुई।

30 मई के बाद दुबारा तारीख बढ़ाई तो लहसुन की खरीदी तेज हुई और 30 जून तक 7 लाख 25 हजार क्विंटल लहसुन की खरीद की गई है। यानि 10 फीसदी लहसुन। इसके अलावा किसानों ने भी खुले बाजार में 30 से 32 लाख क्विंटल लहसुन बेच दिया। लहसुन 10 लाख क्विंटल किसान बीज के लिए रखेगा।

कुछेक लहसुन खराब भी हो गया है, उसके बाद भी अभी भी 20 लाख क्विंटल लहसुन बिकने के लिए बाकी है। अब खरीद बंद हो गई तो लहसुन की कीमत भी गिरेंगी और क्वालिटी भी गिरने से 10 से 15 रुपए किलो के बीच ही भाव मिलेगा। इससे किसान को 20 रुपए किलो तक का नुकसान होगा। सरकार इसे एमएससी घोषित करे नहीं तो किसान बुरी तरह से मारा जाएगा। किसान संगठन के लिए आंदोलन भी करेंगे।

1500 घरों में पड़ा है लहसुन
गुडली पंचायत के सरपंच कुलवंत सिंह मान ने बताया कि उनके दो टोकन में से एक नंबर आ पाया है। अभी 40 से 50 क्विंटल लहसुन घर में रखा हुआ है। इसके अलावा पंचायत में 1500 घरों में लहसुन पड़ा है। ऐसे में पूरे दाम नहीं मिले तो किसान कर्ज में डूब जाएगा।

300 कट्टे लहसुन में से मजबूरी में बेचे 80 कट्टे
गंगाइचा के नवल मीणा के 300 कट्टे लहसुन की पैदावार हुई। सरकारी खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन नंबर नहीं आया। अब जब बच्चों की फीस और अन्य खर्च की ज्यादा आवश्यकता पड़ी तो 80 कट्टे खुले में बेचे तो 22 रुपए किलो बिका। यानि 10 रुपए किलो का नुकसान । अब बाकी का लहसुन तो और कम में जाएगा।