कोटा में 300 टन स्टोन स्लरी से अब इंटरलॉकिंग और टाइल्स बनेंगी

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पीएम मोदी आज करेंगे कोटा स्टोन स्लरी प्लांट के डायरेक्टर से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग

कोटा। कोटा स्टोन की स्लरी से अब इंटरलॉकिंग और टाइल्स बनने लगेंगी। इसका प्लांट पूरा हो गया है। इसकी ट्रॉयल 15 जून से शुरू हो जाएगी। यह पीएम मोदी के देशभर के 25 स्टार्टअप प्रोजेक्ट में से एक है। इसके तहत पीएम मोदी इस प्लांट के डायरेक्टर से बुधवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग करेंगे।

मोदी देशभर के सभी 25 लोगों से इनके बारे में चर्चा करेंगे। कोटा में भी कलेक्ट्रेट में इसकी तैयारी कर ली गई है। कोटा से पाषाण वेलफेयर फाउंडेशन के डायरेक्टर दिनेश भारद्वाज को बुलाया गया है। जिला उद्योग केंद्र के रीजनल मैनेजर योगेश नारायण माथुर ने बताया कि दिनेश भारद्वाज को सुबह 8 से 9 बजे तक ट्रॉयल करवाई जाएगी। उसके बाद 9.30 बजे पीएम मोदी लाइव होंगे।

इसमें देशभर में 25 लोगों से बात करेंगे। इसमें प्लांट के बारे में, उसमें आ रही समस्याओं पर और किसी तरह से प्रशासनिक स्तर पर आ रही परेशानियों के बारे में चर्चा हो सकती है। प्लांट पूरी तरह स्थापित हो चुका है। 15 जून से इसकी ट्रॉयल शुरू हो जाएगी। उसके बाद जुलाई से इसका उत्पादन शुरू होगा।

इससे कोटा शहर में पड़ी स्टोन की स्लरी से इंटरलॉकिंग पेवर ब्लॉक, टाइल्स सहित अन्य उत्पाद बनेंगे। इसके बाद प्लांट का विस्तार किया जाएगा और सीएलसी ब्लॉक भी बनाए जाएंगे। इसके पेटेंट के लिए भी नई दिल्ली भेजा गया है। प्लांट को आईआईटी रुड़की द्वारा मंजूरी दी गई है।

कोटा में 5 स्थानों पर है लाखों टन स्लरी : व्यवसायी मुकेश त्यागी ने बताया कि कोटा में 25 सालों से फैक्ट्रियां चल रही हैं। कोटा में पांच स्थानों पर डंपिंग यार्ड बन चुके हैं। यहां लाखों टन स्लरी एकत्र हो गई है। इसमें रोड नंबर पांच, रोड नंबर 6, डकनिया स्टेशन के पास और कोटा ट्रक यूनियन के आसपास दो हैं। प्लांट में अभी 300 टन स्लरी का उपयोग हो सकेगा। इसके बाद अन्य जगहों पर भी प्लांट लगेंगे तो आने वाले सालों में स्लरी खत्म हो जाएगी। इससे प्रदूषण पर भी अच्छा असर पड़ेगा।

 कोटा स्टोन स्लरी प्लांट
सीबीआरआई ऑर्गेनिक बिल्डिंग मैटेरियल ग्रुप ने स्लरी पर दो साल शोध करने के बाद इसकी तकनीक खोजी। एनजीटी ने इसकी मंजूरी दी। 2017 में आरएसपीसीबी को तकनीक ट्रांसफर की गई। इसमें 75 लाख रुपए खर्च हुए। इसके बाद यह सरकार के स्टार्टअप प्रोजेक्ट में शामिल हुआ।

कोटा में 53 लाख रुपए का खर्च आया है और सरकार ने पीडब्ल्यूएफ को प्लांट स्थापित करने के लिए 13.80 हजार रुपए की ग्रांट भी मंजूर कर दी। कोटा में 7 कोटा स्टोन व्यापारियों को इसका डायरेक्टर बनाया गया है। इसमें दिनेश भारद्वाज, मुकेश त्यागी सहित अन्य शामिल हैं। इसके अलावा दो डायरेक्टर जिला उद्योग केंद्र के जीएम और रीको के आरएम शामिल हैं। काेटा में रोड नंबर 5 पर मशीनें स्थापित कर दी गई हैं।